संतोष रूंगटा ग्रुप के टेड-एक्स सीजन टू में बोले एक्टर-आंट्रप्रीनर
भिलाई। आज करियर के बेशुमार विकल्प उपलब्ध हैं। जिस भी क्षेत्र में जाना हो उसका ईमानदारी से चयन करें, उसे अपना हंड्रेड पर्सेंट दें और तैयारी प्रफेशनली करें, तभी आपको सफलता मिलेगी। टैलेंट को मौका मिलने में वक्त लग सकता है पर मिलता जरूर है। स्टार आते जाते रहते हैं पर ऐक्टर हमेशा बना रहता है। उक्त बातें टीवी धाराविक एवं बॉलीवुड एक्टर तथा आंट्रप्रीनर पवन शंकर ने कहीं। वे संतोष रूंगटा ग्रुप द्वारा आयोजित टेड-एक्स सीजन-2 को संबोधित कर रहे थे। इस बार का थीम था ‘वारियर विदिन’ (भीतर का योद्धा)। बड़ी संख्या में उपस्थित फैकल्टी मेम्बर्स, स्टूडेन्ट्स और मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि खुद उन्हें 16 साल बाद वह मौका मिला है जिसके लिए वे कोशिश कर रहे थे। वित्त में एमबीए करने के बाद उन्होंने अपना फर्म शुरू किया पर दिल में एक्टर बनने की तमन्ना थी। इसके लिए प्रशिक्षण लिया और जुटे रहे। स्टारवन के टीवी धारावाहिक सिद्धार्थ में शीर्ष भूमिका मिली। मिस्टर भट्टी आॅन छुट्टी, क्रम आदि में भी काम करने का मौका मिला। पर जिस ब्रेक का इंतजार था वह 16 साल बाद मिला। यह फिल्म है ‘भुज : द प्राइड आॅफ इंडिया।’
उन्होंने कहा कि आप उद्यमी बन सकते हैं, खिलाड़ी बन सकते हैं, रैपर, सिंगर, डांसर, राइटर कुछ भी बन सकते हैं। पर इसकी तैयारी प्रफेशनली करनी होगी। गली में क्रिकेट खेलकर आप क्रिकेटर नहीं बन सकते।
इस अवसर पर समूह के चेयरमैन संतोष रूंगटा, निदेशक वित्त सोनल रूंगटा, निदेशक तकनीकी सौरभ रूंगटा, प्राचार्य डॉ मोहन अवस्थी, डीन डॉ मनोज वर्गीस, डॉ सत्यधर्म भारती सहित टेडएक्स सीजन-2 के गठित वारियर विदिन की पूरी टीम मौजूद थी।
न कहने से बंद हो सकते हैं दरवाजे : उन्होंने कहा कि आज के युवाओं में सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि वह जल्दबाज है। उसे ना कहने की बीमारी है। आप किसी को एक बार ना कह देते हैं तो वह दरवाजा तो बंद होता ही है, उसके माध्यम से खुलने वाले और दरवाजे भी बंद हो जाते हैं। इसलिए तत्काल उस कार्य को नहीं भी कर सकते तो उसके लिए वक्त लें. पर किसी भी सूरत में ना न कहें। यह आपके करियर के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।