• Thu. Apr 25th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

दुर्ग विवि के विद्यार्थियों के लिए आईआईटी मुम्बई की लाइब्रेरी के द्वार खुले

May 17, 2020

IIT Mumbai Libraryदुर्ग। आईआईटी खड़गपुर की नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया में रजिस्टर्ड होकर स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर तथा शोध कार्य संबंधी पाठ्य सामग्री का मुफ्त में लाभ उठाने की सुविधा मिलने के पश्चात अब दुर्ग विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा के प्रयासों से मुंबई आईआईटी की नेशनल वर्चुअल लाइब्रेरी आॅफ इंडिया में उपलब्ध अति महत्वपूर्ण एवं दुर्लभ तथा ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पाठ्य सामग्री, वीडियो, ऑडियो, छायाचित्रों का मुफ्त में लाभ उठाने का अवसर प्राप्त होगा। यह जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि उक्त दोनों आईआईटी में उपलब्ध विश्वस्तरीय सुविधाओं का निशुल्क लाभ दुर्ग विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को प्राप्त होना उच्च शिक्षा की उन्नति में मील का पत्थर सिद्ध होगा।
डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि मुंबई आईआईटी के नेशनल वर्चुअल लाइब्रेरी से जुड़े प्रधान अन्वेशक डॉ. कन्नान मौदगल्या का इस संबंध में पत्र आज कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा को प्राप्त हुआ। पत्र में उल्लेखित विषयानुसार इस वर्चुअल लाइब्रेरी को विद्यार्थियों की सुविधा हेतु दस खंडों में विभक्त किया गया है। इनमें ज्ञानवादी परंपरा के प्रथम खंड में भारतीय दर्शन एवं परंपराओं तथा उनके पालन हेतु उपयोग में लाई जाने वाली प्रथाओं से संबंधित विशिष्ट सामग्री उपलब्ध है। दूसरे खंड में वास्तुकला, सिनेमा, टेक्स्टाईल तथा क्राफ्ट से जुड़ी महत्वपूर्ण सामग्री उपलब्ध है जो बी एड/एम एड के विद्यार्थियों हेतु अत्यंत उपयोगी है। तृतीय खंड में नृत्य, संगीत, नाटक तथा कठपुतली शो से संबंधित दुर्लभ सामग्री समाहित है। चतुर्थ खंड में साहित्य एवं भाषा पर केंद्रित महत्वपूर्ण लेखकों की पुस्तकें तथा भाषा का इतिहास से संबंधित पढ़नीय सामग्री उपलब्ध है। पंचम खंड में संस्कारों तथा प्रचलन पर आधारित त्यौहारों तथा जीवन शैली से संबंधित महत्वपूर्ण सामग्री होमसाइंस तथा शोध विद्याथिर्यों के लिये उपलब्ध है। षष्ठम खंड में इतिहास के विद्याथिर्यों हेतु बेहद उपयोगी विभिन्न आंदोलनों, प्रसिद्ध पुरातात्विक स्थलों, एैतिहासिक महत्व के स्थानों तथा सामाजिक परिवतर्नों को विस्तार से समझाया गया है। सातवें खंड में उपलब्ध सामग्री में विभिन्न संग्रहालयों, अकादमी तथा सांस्कृतिक केंद्रो से संबंधित विवरण शामिल है। आठवें अध्याय में प्रसिद्ध लोगों जैसे कलाकार, स्कॉलर्स तथा राजनीतिज्ञों से संबंधित जानकारी का समावेश है। नवें खंड में एैतिहासिक महत्व के निर्मित स्थल जैसे प्राचान मंदिरों, मस्जिदों, गिरिजा घरों आदि प्राथर्ना स्थलों का चित्रों सहित सम्पूर्ण वर्णन है। अंतिम एवं दसवें खंड में प्राकृतिक पर्यावरण पर केंद्रित पारिस्थितिकी तंत्र, राष्ट्रीय पार्क एवं प्राचीन स्पीशीज की बेहद महत्वपूर्ण जानकारी का चित्रण किया गया है।
डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा ने अधिक से अधिक संख्या में खड.गपुर व मुंबई आई आई टी संस्थाओं की डिजीटल तथा वर्चुअल लाईब्रेरी का लाभ उठाने की विद्याथिर्यों, प्राध्यापकों एवं शोधकर्ताओं से अपील की है। डॉ. श्रीवास्तव के अनुसार मुंबई आई आई टी से जुड़ी इस वर्चुअल लाईब्रेरी के इस्तेमाल हेतु उपयोगकर्ता को इंडियन कल्चर डॉट जी ओ वी डॉट इन पर लॉगिन करना होगा। इस वर्चुअल लाइब्रेरी को भारत सरकार के संस्कृृति मंत्रालय व इग्नू नई दिल्ली के संयुक्त प्रयास से स्थापित किया गया है।

Leave a Reply