स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में ऑन लाइन निबंध प्रतियोगिता
भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के आईक्यूएसी सेल द्वारा ‘कोरोना लाकडाउन क्या खोया क्या पाया’ पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के फैकल्टी एवं विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर इसमें भाग लिया। विद्यार्थियों में अलका देवांगन, मिनती बेहेरा एवं दिशा यादव तथा फैकल्टीज में खुशबू पाठक, जिगर भवसार तथा रचना पाण्डेय ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर कब्जा किया।एमएससी (गणित) की छात्रा अलका देवांगन ने बताया कि अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा मांग व पूर्ति प्रभावित हुई। कर्मचारियों को वेतन देने के लिये पैसे नहीं हैं। वहीं हमने संयुक्त परिवार के महत्व को समझा, पर्यावरण प्रदूषण कम हुआ। हम अनुशासन में रहना सीखे। बी.एड. की छात्रा मिनती बेहरा ने कहा लॉकडाउन में कई मजदूर अपने प्रदेशों की ओर पैदल ही पलायन कर रहे है। जिससे उन्हें परेशानी हो रही है। संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। एक मजदूर की मौत हो गयी अनेक स्वास्थ्यकर्मी व पुलिसकर्मी की मौत हो गयी। वही पर्यावरण शुध्द हुआ पशु पक्षी अपने स्थान पर लौटने लगे अपराध व दुर्घटनाओं पर सुधार हुआ हमने न्यूनतम संसाधनों में जीना सीखा। बीबीए की दिशा यादव ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। अदिति रूहि कुजूर, दीक्षा रत्नानी-एवं साक्षी दिल्लीवार को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
शिक्षकों में खुशबू पाठक को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि इस लॉकडाउन में वर्क फ्राम होम का नया कल्चर शुरू हुआ। शिक्षक घर पर ही रह कर आॅनलाईन पढ़ाई करा रहे है। पर उद्योग व निर्माण कार्य बंद होने से लोगों को मुश्किल हुआ उन्हें भोजन मुहैया करवाने में शासन को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
स.प्रा. विभाग कम्यूटर साइंस जीगर भवसार ने कहा कि बच्चों की शिक्षण व्यवस्था से लेकर बड़ी-बड़ी सीटिंग्स डिजिटाइज हो गई है। पारिवारिक दूरियां सिमटने लगी है, लोगों में मानवता बढ़ी है। असली परेशानी तो लॉकडाउन खुलने के बाद परिस्थितियों से निपटने की रहेगी। डॉ. रचना पांडे एवं पूजा सोढ़ा ने भी हालातों को रेखांकित किया।
प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कोविड-19 के प्रति जागरूकता के लिये शिक्षकों व प्राध्यापकों को बधाई दी व कहा घर पर रहें व सुरक्षित रहकर भी हम अपने कार्य व दायित्व को पूरा कर सकते हैं। आज सम्पूर्ण विश्व एक ही वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को चरितार्थ कर रहा है। कोविड-19 ने हमें संदेश दिया है ‘एक बने नेक बने’ तभी हम इस धरा पर सुरक्षित रह पायेंगे। कार्यक्रम की निर्णायक डॉ. सुजाता कौले स.प्रा. अंग्रेजी सेट थामस महाविद्यालय रूआबांधा डॉ. सुनीता वर्मा विभागाध्यक्ष हिन्दी स्वामी श्री स्वरूपांनंद महाविद्यालय थी। कार्यक्रम का आयोजन आईक्यूएसी. प्रभारी डॉ. निहारिका देवांगन विभागाध्यक्ष वनस्पतिषास्त्र व डॉ. शमा.बेग विभागाध्यक्ष माईक्रोबॉयोलाजी ने किया।