भिलाई। सड़क पर आते-जाते घायल और मृत मवेशी तो हम सबने कभी न कभी देके होंगे। पर क्या इसे रोकने या इन घायल मवेशियों की सेवा करने के लिए हमने कभी कुछ किया। अधिकांश लोगों का जवाब होगा नहीं। पर डेंटल की छात्रा सेक्टर-1 निवासी अंजलि सिंह ने इन घायल मवेशियों की सेवा एवं चिकित्सा करने का बीड़ा उठाया है। आज आलम यह है कि उनकी एक आवाज पर मवेशी एवं कुत्ते खिंचे चले आते हैं। डेंटल की फायनल ईयर की छात्रा डॉ. अंजलि सिंह के साथ आवारा बेजुबानों की दोस्ती देखते ही बनती है। इन मवेशी व कुत्तों को वे न केवल भोजन कराती है बल्कि घायल होने या बीमारी की स्थिति में इलाज व भोजन की व्यवस्था भी करती हैं। उन्होंने इसके लिए एनीमल सेवियर्स भिलाई के नाम से एक स्वयंसेवी संगठन भी बना लिया है जिसमें समान विचार वाले युवा जुड़ रहे हैं।
अंजलि बताती हैं कि सेक्टर 1 स्थित उनके निवास से राजनांदगांव स्थित मेडिकल कॉलेज आते-जाते सड़क पर बेजुबान जानवरों की मौतों से उन्हें बेहद पीड़ा होती थी। आये दिन सड़क हादसे और अन्य कारणों से जानवरों की असमय मौतों को रोकने का उन्होंने संकल्प लिया। आरंभ में वे अकेली ही घर के आसपास मंडराने वाले मवेशी और कुत्तों को भोजन पानी उपलब्ध कराने लगी। फिर धीरे-धीरे जानवरों के प्रति प्रेम रखने वाले समान विचारधारा के लोग जुड़ते चले गये तो फिर संस्था गठित कर अपने अभियान को तेज कर दिया।
अंजलि बताती है कि, किसी के घर का पालतू कुत्ता खाना नहीं खाता या बात नहीं मानता तो उन्हें बुलाया जाता है। मवेशी या कुत्ते को प्रेम की भाषा में समझाओ तो वे किसी इंसान की तरह बात मान जाते हैं। इससे बड़ा सुकून मिलता है। उन्होंने आम लोगों से भी बेजुबान जानवरों को भोजन पानी के साथ अपनापन देने का आग्रह किया है।