दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के प्राणी शास्त्र विभाग द्वारा 26 मई को प्रॉस्पेक्ट आॅफ माइक्रोब्स फॉर ह्यूमन हेल्थ विषय पर एक वेबीनार का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. अरूणा पल्टा कुलपति, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय उपस्थित हुई। महाविद्यालय के प्राचार्य एवं कार्यक्रम के पैट्रॉन डॉ. आर.एन. सिंह ने वर्तमान परिस्थितियों से निपटने हेतु संयम रखते हुए विपरीत परिस्थितियों में स्वयं की सुरक्षा की बात कही। मुख्य वक्ता डॉ. आर.सी. दुबे गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार, डॉ. डी.के. मलिक दिल्ली विश्वविद्यालय एवं डॉ. एस.बी. नांदेश्वर, नागपुर विश्वविद्यालय, नागपुर ने व्याख्यान दिए। व्याख्यान में सूक्ष्मजीवों की संरचना, मनुष्य के शरीर के विभिन्न अंगों में उनकी उपस्थिति एवं उनके द्वारा होने वाले लाभदायक एवं हानिकारक प्रभावों से अवगत कराया गया। उनके अनुसार कोविड-19 वायरस नवीन संरचना न होकर प्राचीन काल से ही ज्ञात वायरस का ही एक परिवर्तित रूप है। इसके अलावा सूक्ष्मजीवों के कृषि विज्ञान में उपयोग पर विस्तार से चर्चा की गयी।
कार्यक्रम में सम्पूर्ण भारत से लगभग 600 प्रतिभागियों ने पंजीयन कराया। जिसमें मुख्य रूप से उत्तर प्रदेष, हिमाचल प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, चंडीगढ़, गुजरात, आंध्रप्रदेश एवं केरल के प्रतिभागी सम्मिलित हुये।
वेबीनार का मुख्य निष्कर्ष निम्नानुसार है –
सूक्ष्मजीव तथा मानव जिनोम के बीच एक दूसरे को उत्प्रेरित करने की क्रिया का अध्ययन की आवश्यकता।
प्राचीन ज्ञान का वैज्ञानिक अध्ययन कर रोग जनक परजीवी के रोकथाम के अध्ययन की आवश्यकता।
जूनोटिक सूक्ष्म जीव परिसंचरण पर विशेष अध्ययन की आवश्यकता।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर महाविद्यालय के प्राणी शास्त्र विभाग में उपरोक्त विषय पर अध्ययन आरंभ करने का निर्णय लिया गया।
सम्पूर्ण वेबीनार का सफलता पूर्वक संचालन कार्यक्रम के आॅर्गेनाइजिंग सेके्रटरी डॉ. अनिल कुमार ने किया। कन्वेनर डॉ. कांति चौबे ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताई। प्राणी शास्त्र विभाग की डॉ. उषा साहू, डॉ. दिव्या मिंज, डॉ. नीरू अग्रवाल, डॉ. मौसमी डे एवं डॉ. संजू सिन्हा ने सक्रिय भूमिका निभायी। आभार प्रदर्शन कोआॅर्गेनाइजिंग सेके्रटरी डॉ. अल्का मिश्रा द्वारा किया गया।