• Tue. Apr 23rd, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

साइंस कालेज में वेबीनार – नैक मूल्यांकन सभी महाविद्यालयों के लिए आवश्यक

Jun 15, 2020

Webinar in Schience College on NAACदुर्ग। यूजीसी के नियमानुसार प्रत्येक महाविद्यालय द्वारा नैक मूल्यांकन कराना तथा ग्रेड प्राप्त करना आवश्यक है। इसके अभाव में  सत्र 2022 के पश्चात् यूजीसी ने मिलने वाली सहायता राशि रोकी जा सकती है। यह जानकारी आज शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग के आईक्यूएसी सेल द्वारा आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय बेबीनार के दौरान आमंत्रित वक्ताओं ने दी। महाविद्यालय आईक्यूएसी सेल की संयोजक डॉ पदमावती तथा नैक समन्वयक डॉ जगजीत कौर सलूजा ने बताया कि इस राष्ट्रीय बेबीनार में 14 प्रदेशों के 675 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।बेबीनार के आरंभ में डॉ अनिल श्रीवास्तव ने बेबीनार के विषय एवं महत्ता पर प्रकाश डाला। साइंस कालेज दुर्ग की नैक समन्वयक डॉ जगजीत कौर सलूजा ने अपने स्वागत भाषण में महाविद्यालय के मूल्यांकन की नैक की नई प्रणाली के अनुसार सत्र 2022 में किये जाने की जानकारी दी। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ आर एन सिंह की अस्वस्थता की वजह से उनका भाषण प्रभारी प्राचार्य डॉ. एमए सिद्दीकी ने वाचन किया। प्रभारी प्राचार्य डॉ सिद्दीकी ने सभी प्रतिभागी महाविद्यालयों के प्राचार्य नैक एवं आईक्यूएसी समन्वयकों से नैक मूल्यांकन को प्राथमिकता देते हुए तदनुसार गतिविधियों के संचालन का आग्रह किया।
बेबीनार के प्रथम सत्र में मुख्यअतिथि हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरूणा पल्टा का  परिचय यूजीसी सेल समन्वयक डॉ अनुपमा अस्थाना ने दिया।
अपने उद्बोधन में डॉ अरूणा पाल्टा ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों को नैक की नई मूल्यांकन प्रणाली तथा उससे संबंधित बिन्दुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। डॉ पल्टा ने बताया कि अब महाविद्यालयों द्वारा जो सेल्फ स्टडी रिपोर्ट तैयार कर नैक मुख्यालय बंगलौर को आनलाईन भेजी जाती है उस पर 70 फीसद अंक तथा शेष 30 फीसद अंक विशेषज्ञ दल के भ्रमण एवं उनके द्वारा महाविद्यालयों के भौतिक, सत्यापन पर आधारित होते हैं । इस सत्र में धन्यवाद ज्ञापन डॉ तरलोचन कौर ने किया।
बेबीनार के द्वितीय सत्र में मुख्य वक्ता गंगाधर  मेहर  विश्वविद्यालय, ओडिशा के कुलपति
डॉ एके पति का परिचय डॉ मंजू सिन्हा ने दिया। डॉ पति नैक मूल्यांकन के विशेषज्ञ माने जाते हैं।
डॉ पति ने नैक मूल्यांकन की नई प्रणाली के तीसरे घटक रिसर्च एवं कन्सल्टेंसी से संबंधित विषय पर बोलते हुए महाविद्यालयों में रिसर्च फुट प्रिंट पर चर्चा की। डॉ पति ने बताया कि प्राध्यापकों द्वारा किये जाने वाले शोध प्रोजेक्ट, प्राप्त पुरस्कार, अकादमियों की सदस्यता तथा मान्यता प्राप्त शोध पत्र-पत्रिकाओं में शोध पत्रों का प्रकाशन नैक मूल्यांकन के दौरान अच्छे अंक प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डॉ पति के व्याख्यान के दौरान अनेक प्रतिभागियों ने प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा का समाधान किया। आभार प्रदर्शन डॉ तरलोचन कौर संधु ने किया।
तृतीय सत्र में प्रमुख आमंत्रित वक्ता नैक मुख्यालय बंगलौर की अस्टिेंट एडवाइजर तथा नैक विशेषज्ञ डॉ रूचि त्रिपाठी का परिचय डॉअनिल श्रीवास्तव ने दिया। डॉ त्रिपाठी ने साइंस कॉलेज दुर्ग द्वारा ए प्लस ग्रेड प्राप्ति की सराहना करते हुए कहा कि नैक की नई मूल्यांकन प्रणाली में किसी भी संस्था को ’ए’ ग्रेड प्राप्त करना काफी कठिन है। पुरानी नैक पद्धति में ’ए’ ग्रेड प्राप्त अनेक महाविद्यालयों का ग्रेड नीचे आकर ’बी’ ग्रेड में परिवर्तित हो गया है। अतः प्रत्येक महाविद्यालयको नैक की नई मूल्यांकन प्रणाली को गहनता से समझना आवश्यक हैं। छत्तीसगढ़ के लगभग 150 से अधिक महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों को नैक मूल्यांकन के दूसरे सबसे प्रमुख बंदु टीचिंग, लर्निग तथा इवैल्यूएशन पर स्तिृती जानकारी डॉ त्रिपाठी ने दी। उन्होंने बड़ी गहराई से एक एक बिंदु का विशलेषण किया। डॉ त्रिपाठी ने बताया कि 350 अंक वाले नैक मूल्यांकन के द्वितीय बिंदु पर सर्वाधिक ध्यान दिये जाने की आवश्यता है। डॉ रुचि त्रिपाठी ने प्रतिभागियों के अनेक प्रश्नों के उत्तर भी दिये। धन्यवाद ज्ञापन डॉ संजू सिन्हा ने किया।
चतुर्थ सत्र में मुख्य वक्ता हेमचंद यादव वि. वि.  दुर्ग के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ प्रशांत कुमार श्रीवास्तव  का परिचय डॉ सतीष कुमार सेन दिया। डॉ श्रीवास्तव ने नैक मूल्यांकन से जुड़े व्यवाहारिक पक्षों का कइराई से विश्लेषण किया। उन्होंने महाविद्यालयों द्वारा नैक मूल्यांकन हेतु किये जाने वाले रजिस्ट्रेशन से लेकर ग्रेड प्राप्त करने तक की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी। नैक मूल्यांकन की तैयारी एवं ध्यान में रखने वाले बिंदुबों की डॉ श्रीवास्तव द्वारा दी गई जानकारी को सभी प्रतिभागियों ने उपयोगी बताया। इस सत्र में धन्यवाद ज्ञापन डॉ के. पदमावती ने किया।
नेशनल बेबीनार के समापन सत्र में सभी आमंत्रित वक्ताओं द्वारा दिये गये उद्बोधनों का संक्षेपीकरण नैक समन्वयक डॉ जगजीत कौर सलूजा ने किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय आईक्यूएसी संयोजक डॉ पदमावती ने किया। हेमचंद यादव वि दृवि. के अधिष्ठाता छात्रकल्याण डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि 19 जून को दोपहर 12 से 2 बजे के मध्य दुर्ग संभाग के अंतर्गत आने वाले समस्त शासकीय महाविद्यालयों के नैक संबंधी तैयारी पर चर्चा करने हेतु आयुक्त उच्च शिक्षा ऑनलाईन बेबीनार के द्वारा गूगलमीट एप के माध्यम से जुड़ेगी। बेबीनार के आयोजन में डॉ अभिषेक मिश्रा व डॉ दिलीप साहू का उल्लेखनीय योगदान रहा।

Leave a Reply