भिलाई। वह क्षण बड़ा सुखद था जब अपने बच्चों से नाउम्मीद हो चुके माता-पता अपनी गोद में दो शिशुओं को लेकर घर रवाना हुए। इन जुड़वां शिशुओं का जन्म महज 30 सप्ताह में हो गया था। लगभग एक-एक किलोग्राम वजन के इन बच्चों में एक बालक था और एक बालिका। स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल की अत्याधुनिक नीयोनेटल इकाई, नवजात शिशु विशेषज्ञ, इंटेंसिविस्ट की टीम ने लगातार निगरानी एवं हस्तक्षेप कर इसे अंजाम दिया। स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ एपी सावंत ने बताया कि दुर्ग निवासी इस गर्भवती महिला को 17 जून को अस्पताल में दाखिल किया गया था। कुछ जटिलताओं के चलते 30 सप्ताह में ही प्रसव कराना पड़ा। जन्म के समय एक बच्चे का वजन 1100 और दूसरे का 1200 ग्राम था। इन शिशुओं को लगभग एक माह तक एनआईसीयू में रखा गया जिस बीच वे लगभग कोख के वातावरण में रहकर बढ़ते रहे। इंटेंसिविस्ट डॉ संदीप आर थुटे दिन रात इन शिशुओं की देखभाल करते रहे। सुरक्षित अवस्था में पहुंचने के बाद उन्हें माता की गोद में दे दिया गया।
दाखिले के ठीक एक माह बाद 13 जुलाई को प्रसूता को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। दोनों बच्चों को गोद में लिए माता-पिता की आंखों में खुशी के आंसू छलक रहे थे। उन्होंने चिकित्सकों के साथ ही अस्पताल के सभी स्टाफ को बार-बार धन्यवाद देते हुए रवाना हुए। यह अस्पताल के लिए भी खुशी और आत्मसंतुष्टि का एक पल था। अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉ दीपक वर्मा एवं चिकित्सा अधीक्षक डॉ संजय गोयल ने बताया कि ऐसे ही अवसरों पर अस्पताल में किए गए प्रबंध और जुटाई गई सुविधाओं को सार्थकता मिलती है। हमें खुशी है कि हमने दो बच्चों की जान बचाई और उनके माता-पिता को खुशी-खुशी रवाना करने में सफल रहे।