भिलाई। एमजे स्कूल अंतरराष्ट्रीय प्री-स्कूल के मापदण्डों के साथ भारतीय परम्पराओं का अनूठा मिश्रण होगा। स्कूल के लिए देश-विदेश के एक्सपर्ट्स के सहयोग से पूरा करिकुलम तैयार किया गया है। स्कूल को प्रारंभ करने की पूरी तैयारी हो चुकी थी पर कोविड-19 के चलते अब नियमित स्कूल आगामी शिक्षा सत्र 2021-22 से ही प्रारंभ हो पाएगा। यह जानकारी एमजे स्कूल की निदेशक एवं ईसीए की स्थायी सदस्य श्रीलेखा विरुलकर ने पत्रकारवार्ता में दी। शाला के प्रथम सत्र में प्रवेश लेने वाले बच्चों से एडमिशन फीस नहीं लिया जाएगा।उन्होंने बताया कि बच्चों को कोविड के साथ ही सर्दी-खांसी एवं इन जैसी अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए प्रत्येक क्लास में केवल 20 बच्चों को ही दाखिला दिया जाएगा। बच्चों की सुरक्षा के उच्चतम मापदण्डों के अनुरूप दीवारों को तीन फीट तक पैडेड बनाया गया है। साथ ही फर्नीचर की किनारियों पर पैडिंग की गई है। पूरा स्कूल सीसीटीवी की नजर में होगा जिसकी लगातार निगरानी होगी। हरियाली की गोद में स्थापित यह स्कूल शहर के प्रदूषण से दूर पांच एकड़ के कैम्पस में है जहां सभी सुविधाएं मौजूद हैं।
प्रत्येक कक्षा में लाइब्रेरी की व्यवस्था है जहां से बच्चे रुचि के अनुसार पुस्तकें लेकर पढ़ सकेंगे तथा इशू भी करा सकेंगे। बच्चों को सही उच्चारण के साथ रीडिंग सिखाने के लिए ई-रीडर की व्यवस्था है। यह एक छोटा सा डिवाइस है जिसे पुस्तकों पर चलाने से वह लेसन को पढ़ कर सुनाता है। इससे बच्चा अंतरराष्ट्रीय स्तर का उच्चारण सीख पाएगा। इसके अलावा छोटे बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा देने के लिए फ्लिंटो किट प्रदान किये जाएंगे। स्कूल में बच्चों के लिए एक साइंस लैब भी विकसित की गई है जो उन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण देने में सहायक सिद्ध होगा।
बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए इनडोर और आउटडोर जिम, रोप क्लाइंबिंग, रॉक क्लाइंबिंग, हॉर्स राइडिंग, आर्चरी (तीरंदाजी) की भी व्यवस्था है। छोटे बच्चों की घुड़सवारी के लिए पोनी की व्यवस्था रहेगी।
उन्होंने बताया कि स्कूल में आगामी शिक्षा सत्र के लिए पंजीयन प्रारंभ है। स्कूल में दाखिला लेने वाले बच्चों के लिए हॉर्स राइडिंग, आर्चरी आदि सुविधाएं निःशुल्क होंगी।
पत्रवार्ता के दौरान शाला की प्राचार्य मुनमुन चटर्जी ने फ्लिंटो किट एवं ई-रीडर का डेमो भी दिया। पत्रवार्ता में एमजे परिवार की डॉ श्वेता भाटिया एवं अर्चना त्रिपाठी भी मौजूद थीं।