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साइको किलर था विकास, कहीं भी किसी की भी कर देता था हत्या

Jul 14, 2020

Vikas Dubey was a psycho killerकानपुर। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद भी उसके व्यक्तित्व से जुड़े कई पहलू निकलकर सामने आ रहे हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जब एसटीएफ और पुलिस की टीमें विकास दुबे को उज्जैन से पकड़कर कानपुर लेकर आ रही थी तो उससे पूरे रास्ते पूछताछ की गई थी। विकास दुबे की हरकतें एक साइको किलर की तरह थीं। विकास दुबे की सनक से पूरा गांव अच्छी तरह से वाकिफ था। इसी वजह से गांव के अंदर उसका सामना करने की किसी में हिम्मत नहीं थी। विकास का फरमान नहीं मानने वाले को उसके गुर्गे घर से उठा लाते थे। किलेनुमा घर के अंदर लगे नीम के पेड़ से बांधकर उसकी पिटाई की जाती थी। विकास दुबे से पीड़ित ग्रामीणों की पुलिस के पास जाने की भी हिम्मत नहीं होती थी। यदि किसी तरह से पीड़ित पुलिस के पास पहुंच गया तो थाने के पुलिसकर्मी खुद विकास को इस बात की जानकारी दे देते थे।
बताया जाता था कि जब हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का मूड खराब होता था तो चौबेपुर थाने के निलंबित एसओ विनय तिवारी, दरोगा और सिपाही मारे भय के उससे बात नहीं करते थे। पुलिसकर्मी उसका मूड ठीक होने का इंतजार करते थे। वे विकास का मूड ठीक करने के लिए उसके सामने तारीफों के पुल बांधना शुरू कर देते थे। दरअसल विकास को अपनी तारीफें सुनना बहुत पंसद था।
बिकरू गांव से लगभग ढाई किलोमीटर की दूरी पर मोहनी नेवादा गांव है। मोहनी नेवादा गांव में रहने वाले राहुल तिवारी के ससुर की जमीन पर विकास दुबे ने कब्जा कर लिया था। राहुल तिवारी ने कोर्ट से विकास दुबे पर खेत में कब्जा करने का मुकदमा दर्ज कराया था। विकास ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर राहुल तिवारी को बंधक बनाकर पीटा था।
इस घटना के बाद राहुल तिवारी ने विकास के खिलाफ चौबेपुर थाने में तहरीर दी थी। तत्कालीन एसओ विनय तिवारी ने एफआइआर दर्ज नहीं थी और राहुल तिवारी को विकास के घर पर समझौता कराने के लिए ले गया था। विकास दुबे ने विनय तिवारी के सामने ही राहुल को पीटना शुरू कर दिया था और विकास और उसके गुर्गों ने मिलकर राहुल की जमकर पिटाई की थी। यदि तत्कालीन एसओ साथ में नहीं होते तो वो राहुल की हत्या भी कर सकता था।
विकास दुबे के ऐसे अनगिनत मामले हैं जो इशारा करते हैं कि सनक सवार होने पर ही वह घटना को अंजाम देता था। सन् 2001 में तत्कालीन दर्जाप्राप्त मंत्री संतोष शुक्ला की शिवली थाने में घुसकर हत्या कर दी थी। इस घटना में भी विकास यह भूल गया था कि किसकी हत्या कर रहा है और कहां पर कर रहा है। इसी तरह से बीते 2 जुलाई को दबिश देने गई पुलिस पर भी उसने अपने साथियों के साथ मिलकर सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।

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