दुर्ग। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग द्वारा प्राध्यपकों, शोध विद्यार्थियों एवं अन्य छात्र-छात्राओं के लिए विभिन्न विषयों पर केन्द्रीत ऑनलाईन ई-लेक्चर श्रृंखला ‘‘इंद्रधनुष‘‘ का आयोजन 03 जुलाई से 09 जुलाई के बीच किया जा रहा है। यह जानकारी देते हुए दुर्ग विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरूणा पल्टा के माध्यम में प्रतिदिन दोपहर 12 से 01 बजे के बीच आयोजित होने वाले सभी ई- लेक्चर का मीटिंग आईडी तथा पासवर्ड दुर्ग विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले समसत महाविद्यालयों के प्राचार्यो को भेज दिया गया है। डॉ श्रीवास्तव के अनुसार इस सात दिवसीय ऑनलाईन ई- लेक्चर के श्रृंखला के दौरान जीने की कला, कार्य स्थल पर महिलाओं का शोषण, कोविड़- 19 के दौरान रोजगार की संभावनाएँ, कोविड़- 19 के दौरान स्वस्थ रहने सम्बंधी खान-पान, तनाव प्रबंधन, सम्प्रेषण क्षमता, स्वस्थ रहने हेतु ध्यान एवं योग तथा जीवनशैली में बदलाव के द्वारा तनाव प्रबंधन जैसे विषयों पर देश के विभिन्न प्रांतों के ख्याति प्राप्त विद्धानों के आमंत्रित व्याख्यान होंगे।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ सी.एल देवांगन ने बताया की व्याख्यान श्रृंखला के प्रथम दिन मैडिकल कॉलेज रायपुर के डॉ अरविन्द नेरल का जीना इसी का नाम है, विषय पर व्याख्यान दोपहर 12 से 01 बजे तक होगा। इसी दिन शाम 04 से 05 बजे रायपुर की प्रसिद्ध अधिवक्ता डॉ किरणमयी नायक कार्यस्थल पर महिलाओं के शोषण विषय पर आमंत्रित व्याख्यान देंगी। इंद्रधनुष श्रृंखला के दूसरे दिन 04 जुलाई को केरियर काउंसलर, अजीत वरवंडकर अपना व्याख्यान देंगे। रविवार 05 जुलाई को आर.टी.एम. विश्वविद्यालय, नागपुर की प्रोफेसर सबीहा वली, कोविड़- 19 के दौरान स्वस्थ खान-पान विषय पर व्याख्यान देंगी। इस व्याख्यान का आयोजन आई.डी.ए. के छत्तीसगढ़ चैप्टर के सहयोग से किया जा रहा है। सोमवार 06 जुलाई को श्री विवेक जोंगलेकर, बिलासपुर तनाव प्रबंधन के तरीकों पर अपने विचार रखेगें। मंगलवार 07 जुलाई को सिमगा महाविद्यालय की प्राध्यापक, डॉ प्रीता लाल विद्यार्थियों में सम्प्रेषण क्षमता विषय पर अपना व्याख्यान देंगी। बुधवार 08 जुलाई को हार्टफुलनेस संस्था के क्षेत्रिय संमन्वयक डॉ एस.डी. देशमुख जीवन में ध्यान के महत्व पर प्रकाश डालेंगे। इंद्रधनुष के अंतिम दिन केन्द्रीय विश्वविद्यालय गुजरात के डॉ जे.पी.एन. मिश्रा जीवनशैली में परिवर्तन के द्वारा तनाव प्रबंधन पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरूणा पल्टा नें समस्त प्राध्यपकों एवं विद्यार्थियों से अधिक से अधिक संख्या में इन ऑनलाईन व्याख्यानों का लाभ उठानें की अपील की है।