दुर्ग। शासकीय तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय की समाजशास्त्र की सहायक प्राध्यापक डॉ सुचित्रा शर्मा ने दंतेश्वरी स्नातकोत्तर महाविद्यालय दंतेवाड़ा द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार को स्रोत व्यक्ति के रूप में संबोधित किया। वेबिनार के विषय था कोविड-19 के दौर में स्त्री अधिकार एवं लैंगिक न्याय। बस्तर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शैलेन्द्र कुमार सिंह के मुख्य संरक्षण एवं शासकीय महाविद्यालय दंतेवाड़ा के प्राचार्य डॉ एचके हिरकने के संरक्षण में आयोजित इस वेबिनार में उन्होंने लैंगिक एवं यौन में अन्त स्पष्ट करते हुए लैंगिक न्याय की अवधारणा को स्पष्ट किया।दंतेवाड़ी महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ के एम प्रसाद के संयोजन में आयोजित इस वेबिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने पश्चिम एवं भारत में लैंगिक अध्ययनों का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि लैंगिक न्याय पर अभी और चर्चा की आवश्यकता है तथा इस दिशा में जागरूकता लाने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसी भी महामारी या संकट काल की तरह कोरोना काल में भी इसका सर्वाधिक महिलाओं पर पड़ा है। वे न केवल विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रही हैं बल्कि घरेलू हिंसा का भी शिकार हो रही हैं। कोरोना काल में घरेलू हिंसा एक महामारी की तरह उभरी है। उन्होंने कहा कि परिवार एवं समाज में महिला की स्थिति में काफी सुधार हुआ है पर अभी काफी कुछ किया जाना शेष है। उन्होंने महिला अधिकारों की कानूनी और संवैधानिक व्यवस्था की चर्चा करते हुए आंकड़ों के जरिए अपना विषय प्रस्तुत किया। उन्होंने कोविड-19 के सकारात्मक पहलुओं की भी चर्चा की।
अपनी प्रस्तुति के बाद उन्होंने प्रतिभागियों के सवालों के जवाब भी दिए। प्रश्नोत्तरी का यह सिलसिला लगभग 15 मिनट तक चला।
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