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सामाजिक उत्थान में उच्च शिक्षा की प्रमुख भूमिका – राज्यपाल अनुसूइया उइके

Aug 6, 2020

हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में वेबीनार का आयोजन

Webinar in Hemchand University Durgदुर्ग। किसी भी देश के सामाजिक उत्थान में उच्च शिक्षा की प्रमुख भूमिका होती है। भारतीय समाज का लगभग 30 प्रतिशत युवा वर्ग उच्च शिक्षा जगत का प्रतिनिधित्व करता है। महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने वाले युवा वर्तमान सामाजिक परिस्थितियों में अनेक रचनात्मक परिवर्तन ला सकते है। ये उद्गार छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूइया उइके ने व्यक्त किया। सुश्री उइके हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग की एनएसएस इकाई द्वारा “उच्च शिक्षा का सामाजिक सरोकार“ विषय पर आयोजित एक दिवसीय ऑनलाईन वेबीनार को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रही थीं। 600 से अधिक प्राचार्यों, प्राध्यापकों, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थी का सर्वांगिण विकास ही सभी उच्च शिक्षा संस्थानों का लक्ष्य होना चोहिए।राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों में सामाजिक सरोकार की भावना विकसित करने के लिए हमें राष्ट्रहित के क्षेत्र में कार्य करने वाले संगठनों जैसे राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), एनसीसी अथवा यूथ रेडक्रास आदि भी प्रत्येक उच्च शिक्षा संस्थानों में स्थापना की नितांत आवश्यकता है। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग द्वारा कोविड-19 की लॉकडाऊन अवधि में प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों का मनोबल ऊंचा बनाए रखने हेतु आयोजित विभिन्न ऑनलाईन रचनात्मक गतिविधियों की सराहना करते हुए सुश्री उइके ने कुलपति डॉ अरूणा पल्टा एवं विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी। कोरोना संक्रमण काल में दुर्ग विश्वविद्यालय की एनएसएस इकाईयों द्वारा किये गये निशुल्क सेनेटाईजर एवं मास्क वितरण तथा जनजागरूकता अभियान की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों को भी इस प्रकार की रचनात्मक गतिविधियों का अनुसरण करना चाहिए।
आरंभ में दुर्ग विश्वविद्यालय के अधिष्छाता छात्र कल्याण डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए ऑनलाईन वेबीनार के विषय की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। अपने स्वागत भाषण में दुर्ग विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरूणा पल्टा ने सत्र 2019-20 में दुर्ग विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। डॉ पल्टा ने बताया कि एनएसएस इकाईयों द्वारा समाजसेवा के क्षेत्र में अनेक कार्य जैसे रक्तदान शिविर, निशुल्क माॅस्क वितरण, पौधारोपण, ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता अभियान जैसे कार्य संपादित किये गये है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ऑनलाईन निबंध, वेबीनार, पर्यावरण संरक्षण पर मौखिक प्रस्तुतिकरण, रिसर्च स्कॉलर्स के लिए ऑनलाईन कोर्स वर्क, 10 दिवसीय फैकल्टी डेवलोपमेंट प्रोग्राम, विभिन्न समसामयिक विषयों पर केंद्रित ऑनलाईन व्याख्यान श्रृंखला “इंद्रधनुष“ के आयोजन की जानकारी राज्यपाल महोदया को दी।
विश्वविद्यालय के समन्वयक डॉ आर. पी. अग्रवाल ने विभिन्न महाविद्यालयों में आयोजित एनएसएस शिविरों तथा समाजसेवी गतिविधियों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।
आमंत्रित व्याख्यान में राज्यपाल के सचिव आईएएस सोनमणी बोरा ने कहा कि हमें किसी भी शुभकार्य की शुरूआत स्वयं से करनी होगी। हम अपने पूर्वजों की विरासत का ध्यान रखें। हमारी कुल जनसंख्या का 65 प्रतिशत युवा है, हमें इस मानव संसाधन का उपयोग देश के हित में करना है। हमें समय के साथ स्वयं एवं समाज को बदलना होगा। सनातन के चार पुरूषार्थ का जिक्र करते हुए श्री बोरा ने कहा कि सफलता का मंत्र क्या है? हम किसे सफल मानते है? एनएसएस युवाओं को सही दिशा दिखाने का माध्यम है। श्री बोरा ने युवाओं से आव्हान किया कि एकता एवं अनुशासन को मूल मंत्र माने।
इस वेबीनार में उपस्थित राज्य एनएसएस अधिकारी तथा उच्च शिक्षा विभाग के पदेन उपसचिव डॉ समरेन्द्र सिंह ने अपने उद्बोधन में छत्तीसगढ़ राज्य में एनएसएस इकाईयों द्वारा किये जा रहे समाज की गतिविधियों की जानकारी दी। डॉ सिंह ने उच्च शिक्षा के सामाजिक सरोकार को वर्तमान समय की नितांत आवश्यकता बताया। वेबीनार के अंत में दुर्ग विश्वविद्यालय के एनएसएस समन्वयक डॉ आर. पी. अग्रवाल ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस वेबीनार में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ सी. एल. देवांगन सहित समस्त अधिकारी तथा समस्त महाविद्यालय के प्राचार्य, एनएसएस समन्वयक, प्राध्यापकगण उपस्थित थे।

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