भिलाई। वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ एवं स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ एपी सावंत ने कोरोना पाजीटिव या संदिग्ध माताओं से कहा है कि वे अपने शिशु को निःसंकोच स्तनपान करा सकती हैं। इसमें कोई खतरा नहीं है। पहले तीन दिन का मां का दूध शिशु के लिए न केवल अमृत समान है बल्कि यह उसका पहला टीका भी है। मां के दूध में शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के सभी तत्व होते हैं। डॉ सावंत ने स्पर्श अस्पताल में विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता के दौरान ये बातें कहीं। उन्होंने बताया, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि कोरोना का संक्रमण माता से शिशु में जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मुताबिक कोरोना संदिग्ध अथवा पाजीटिव माताओं को भी अपने शिशु को स्तनपान कराते रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसके लाभ कोरोना संक्रमण के खतरे से कई गुना अधिक हैं। कोरोना संक्रमित या संदिग्ध होने की स्थिति में माता और शिशु को लगातार एक ही कमरे में एक साथ रखा जाना चाहिए। स्किन कांटेक्ट या कंगारू मदर केयर एक अच्छा विकल्प है।
स्तनपान जितनी जल्दी हो सके प्रारंभ कर देना चाहिए। शिशु को पहले छह माह में केवल मां का दूध और फिर घर पर ही बने अतिरिक्त पोषण आहार देना चाहिए। शिशु को दो वर्ष तक स्तनपान कराया जा सकता है। स्तनपान करने वाले शिशुओं का शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकास अन्य शिशुओं की तुलना मे ज्यादा होता है। ऐसे बच्चे कम बीमार पड़ते हैं। स्तनपान करने वाले शिशु आगे चलकर मधुमेह या हृदय संबंधी रोगों से भी सुरक्षित रहते हैं। डॉ सावंत ने कहा कि न केवल गर्भवती स्त्रियों का बल्कि दूध पिलाने वाली माताओं के भोजन की मात्रा और पोषण का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।
विश्व स्तन पान सप्ताह के दौरान आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता का उद्घाटन स्पर्श अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉ दीपक वर्मा ने किया। इस अवसर पर मेडिकल सुपरिंटेंटेंट डॉ संजय गोयल भी मौजूद थे। पोस्टर प्रतियोगिता का पहला पुरस्कार ज्योति देवांगन को दिया गया। तेज राम साहू को द्वितीय तथा ज्योति वर्मा को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
Please congratulate the nurses.
Kindly communicate to them that skin to skin care is very important for every newborn.