भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी के आई.क्यू.ए.सी. प्रकोष्ठ द्वारा आज अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के उपलक्ष्य में कोविड-19 के समय में साक्षरता शिक्षण एवं अधिगम पर प्रशिक्षणार्थियों की भूमिका और उनकी शिक्षण विधियों में परिवर्तन यह एक चुनौतीपूर्ण विषय है। साक्षरता अधिगम जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है और यह प्रशिक्षणार्थियों और युवाओं पर बल देती है। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ रक्षा सिंह ने ऑनलाइन मीटिंग पर कहा कि देश की उन्नति और विकास के लिए साक्षरता आवश्यक है। समाज के लिए लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक एवं सूचित करने के लिए शिक्षा आवश्यक कदम हैं और इसे घर-घर ही नहीं बल्कि जन-जन तक पहुंचाना अनिवार्य है।
इसी संदर्भ में महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉक्टर जी दुर्गा प्रसाद राव ने कहा कि साक्षरता का उद्देश्य व्यक्तिगत एवं सामाजिक विकास के लिए आवश्यक तो है ही शिक्षा हमें जीने का ढंग भी सिखाती है तो उत्तम जीवन जीने के लिए शिक्षा आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के इस दौर में ऑनलाइन शिक्षा अति आवश्यक है और हम इस पर निरंतर प्रयासरत हैं।
प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. संदीप जसवंत ने शिक्षा को समाज के बदलाव के लिए आवश्यक बताया एवं धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त अध्यापकों ने ऑनलाइन अपनी सहभागिता दी।