सुइसाइड प्रिवेंशन डे पर एमजे कालेज में हुआ वेबीनार
भिलाई। आत्महत्या के मामले किसी महामारी से कम नहीं हैं। दुनिया भर में प्रत्येक 40 सेकंड में कोई न कोई अपने हाथों से अपनी जान ले रहा है। देश में छत्तीसगढ़ इस मामले मे 9वें स्थान पर है। राज्य में बिलासपुर जिले से आत्महत्या के सर्वाधिक मामले सामने आते हैं। अफसोस की बात यह है कि इनमें से ज्यादातर की उम्र 14 से 29 वर्ष के बीच होती है। इनमें से कम से कम आधी आत्महत्याओं को टाला जा सकता है। उक्त बातें क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ शमा हमदानी ने एमजे कालेज द्वारा विश्व आत्महत्या निरोधक दिवस पर आज आयोजित वेबीनार को संबोधित करते हुए कहीं।डॉ हमदानी ने कहा कि आत्महत्या के कारणों की चर्चा करते हुए कहा कि कुछ लोग जहां मौजूदा परिस्थितियों से मुक्त होने के के लिए आत्महत्या करते हैं, वहीं कुछ लोग दूसरों को सबक सिखाने, गहन निराशा में होने या किसी प्रयास के असफल होने पर आत्महत्या करते हैं। उन्होंने कहा कि आत्महत्या करने वाले को कायर नहीं कहा जा सकता। आत्महत्या करने वाले लगभग सभी लोग कोई न कोई इशारा जरूर करते हैं। जरूरत है इन इशारों को गंभीरता से लेने की तथा समय पर हस्तक्षेप करने की। उन्होंने इसके विभिन्न लक्षणों, उपसर्गों की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने तनाव की स्थिति में हेल्पलाइन की मदद लेने की सलाह देते हुए कहा कि बच्चे यदि किसी भी कारण से परेशान हों तो उनसे भी सम्पर्क कर सकते हैं। डॉ हमदानी दुर्ग जिला अस्पताल, बीआईटी, महिला महाविद्यालय सहित अनेक शिक्षण संस्थानों में बतौर काउंसलर अपनी सेवाएं देती हैं।
आरंभ में महाविद्यालय की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर ने कहा कि आत्महत्या की रोकथाम के लिए जागरूकता लाने की जरूरत है। जीवन लाइक, डिस्लाइक या ब्लाक करने जितना आसान नहीं है। इसमे प्रत्येक स्थिति के साथ सामन्जस्य बैठाकर आगे बढ़ना होता है। पूरे समाज को इस दिशा में मिलकर प्रयास करने होंगे। तभी हम कीमती जीवन को बचा पाएंगे।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए महाविद्यलाय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने कहा कि आत्महत्या की रोकथाम करने के लिए संवाद बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने डॉ हमदानी का विशेष रूप से धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने विद्यार्थियों को न केवल अपनी समस्याओं की चर्चा योग्य लोगों से करने की प्रेरणा दी बल्कि अपना फोन नम्बर भी शेयर किया। उन्होंने इस वेबीनार को विद्यार्थियों के साथ साथ कोरोना काल में समस्याओं से जूझ रहे टीचर्स के लिए भी बेहद उपयोगी बताया।