• Thu. Apr 25th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

कोरोना संकटकाल में शिक्षा की अलख जगा रहे गरियाबंद के नवाचारी शिक्षक

Sep 11, 2020

Innovative teaching methodsगरियाबंद। कोरोना के संकटकाल में अध्ययन अध्यापन कार्य किसी चुनौति से कम नहीं है। पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम से अध्ययन, अध्यापन कार्य को सहज और सरल बनाने का प्रयास किया गया है। बच्चों के अधिगम को रोचक और प्रभावशाली बनाने के लिए ऑनलाइन तथा ऑफलाइन शिक्षा की कारगर व्यवस्था शासन द्वारा की गई है। इस महत्वपूर्ण अभियान में शिक्षकों ने भी नवाचार करने में सफलता पाई है। कई क्षेत्रों में जहां मोबाईल नेटवर्क की समस्या है, वहां समुदाय की सहभागिता से कुछ नये प्रयोग किये गये है। गरियाबंद जिला में शिक्षकों द्वारा नवाचारी प्रयोग से बच्चों को शिक्षा का लाभ अनवरत मिल रहा है।
मैनपुर के दूरस्थ वनांचल ग्राम गोना मे नवाचारी शिक्षक पेशवर राम यादव कोरोना संकट काल में भी शिक्षित युवक-युवतियां के साथ मिलकर ज्ञान का प्रकाश फैला रहे है। शाला समुदाय की सक्रिय भागीदारी से नई इबारत लिखी जा रही है। स्मार्ट फोन की कमी के चलते विद्यार्थियो को ऑनलाइन क्लास का पर्याप्त लाभ नहीं मिलता देख कर ग्राम गोना के चिंतनशील युवक-युवतियों ने मिडिल स्कूल गोना के नवाचारी शिक्षक पेशवर राम यादव की प्रेरणा से पढ़ाई को द्वार- द्वार तक पहुंचाने की ठान ली है। इसके लिए स्मार्ट फोन धारक सरपंच सहित 7 युवक युवतियो की टीम बनाकर सर्वप्रथम अपने अपने पारा-टोला के आसपास के बच्चों को जोड़ा गया। शिक्षित मोबाइल धारक एक निश्चित समय एवं निश्चित स्थान पर प्रतिदिन ऑनलाइन क्लास में जुड़कर उसकी विषय वस्तु को भली भांति समझते है। इसके पश्चात उसी विषय का अध्यापन स्वेच्छा से समय निकालकर बच्चों को कराते हैं। इस तरह ये मोबाइल धारक साथी प्रतिदिन एक से दो घंटा बच्चों की शिक्षा के लिए अपना समय और मोबाइल उपलब्ध करा रहे हैं। बच्चों के लिए यू ट्यूब पर उपलब्ध विषयवार प्रभावी शैक्षिक गतिविधियों एवं स्वयं उनके द्वारा तैयार की गई गतिविधियाँ, प्रभावी विडिओ, पढ़ाई तुहंर द्वार की वेबसाइट, ज्ञानवर्धक ऑडियो, शैक्षणिक एप्स, होमवर्क, प्रश्नोतरी लेखन सामग्री अन्य शैक्षणिक लिंक को शाला समुदाय ग्रुप में साझा किया जाता है जिसे मोबाइल धारक साथी अपने स्मार्ट मोबाइल फोन में डाउनलोड कर बच्चों को उपलब्ध कराते हैं।
गाँव के शिक्षित मोबाइल धारक द्वारा बच्चों के पढ़ाई के उल्लेखनीय कार्य से प्रेरित होकर ग्राम के सरपंच द्वारा बच्चों के लिए निःशुल्क पेन कॉपी प्रदाय किया गया।
हमर पहुना एक नवाचारी कदमः शासकीय प्राथमिक शाला शुकलाभाठा में पदस्थ सहायक शिक्षक संतोष कुमार तारक द्वारा प्रतिदिन सुबह ऑनलाइन वर्चुअल क्लास लेने के साथ बच्चों में पढ़ने व लेखन कौशल को और अधिक निखारने के लिये हमर पहुना कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसमें बच्चो को ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरीके से वर्क शीट को पहुना बनाकर दिया जाता है। यह साप्ताहिक कार्यक्रम है। सप्ताह भर पढ़ाए गए विषय का वर्क शीट तैयार कर बच्चों तक पहुंचा दिया जाता। फिर बच्चे उसे एक सप्ताह के भीतर हल कर ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यमों से अपनी सुविधानुसार भेजते हैं, कोई समस्या आने पर कॉल करते हैं जिसका समाधान किया जाता है, फिर भी समझ नही आने पर वीडियो बनाकर व्हाट्सएप पर भेजा जाता है।
ऑडिओ शैक्षिक मटेरियल से पढाई हुई आसानः कोरोना संकट में प्राथमिक शाला किसान पारा गरियाबंद में पदस्थ सहायक शिक्षक श्रीमती इंदरप्रीत कौर कुकरेजा द्वारा ब्लॉक स्तरीय टेक्निकल टीम में कार्य करते हुए गरियाबंद ब्लॉक के शिक्षकों को पीपीटी निर्माण एवं ऑनलाइन कक्षा लेने हेतु प्रशिक्षण दिया गया। अपने संकुल के अंतर्गत सभी शिक्षकों को ऑनलाइन कक्षाएं लेने में इनके द्वारा सहयोग किया जा रहा है एवं स्वयं के द्वारा भी ऑनलाइन कक्षाएं ली जा रही हैं। खास बात यह है कि इनके द्वारा प्राथमिक कक्षाओं 1 से 5वीं तक के हिंदी विषय के बनाए गए ऑडियो शिक्षण अधिगम में प्रभावशाली पाया गया। इसे एससीईआरटी द्वारा बनाए गए बुलटू ऐप में शामिल किया गया है। बुलटू ऐप के प्रथम चरण में इनके द्वारा बनाए गए 11 ऑडियोज को स्वीकृत किया गया है। इन ऑडियोज के अलावा भी इनके द्वारा बनाए गए प्राथमिक कक्षा के हिंदी विषय के कई आडियो एससीईआरटी के द्वारा स्वीकृत किए गए हैं। जिनके बुलटू ऐप के अगले चरणों में शामिल होने की पूर्ण आशा है।
4731 शिक्षकों, 67368 विद्यार्थियों का पंजीयन,
जिला मिशन समन्वयक श्याम चन्द्राकर ने बताया कि “पढ़ई तुंहर दुआर” के प्रारम्भ से ही जिले व ब्लॉक में टेक्निकल सपोर्ट टीम का गठन कर वेब पोर्टल में 4 हजार 731 शिक्षकों, 67 हजार 368 विद्यार्थियों का पंजीयन कराते हुए 1540 शालाओं में वर्चुअल क्लास का संचालन सफलतापूर्वक किया जा रहा है। कलेक्टर छतर सिंह डेहरे के मार्गदर्शन में बच्चों द्वारा होमवर्क अपलोड करने व शिक्षकों द्वारा असाइनमेंट जाँच में जिले का शुरुआती महीनों में राज्य में प्रथम स्थान रहा वर्तमान में जिला अभी भी द्वितीय स्थान पर है। ऑनलाईन क्लास में भी शिक्षक द्वारा संचालन व उनमें बच्चों के जुड़ने का औसत राज्य में चतुर्थ स्थान पर है। नेटवर्क विहीन क्षेत्र में ऑनलाईन पढ़ाई का प्रसार नहीं होने के कारण “पढ़ाई तुंहर पारा” कार्यक्रम में भी जिले के 136 शिक्षक/मोहल्ला वालेंटियर स्वेच्छा से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए 136 स्थानों में मोहल्ला क्लास का संचालन सफलता पूर्वक किया जा रहा हैं।

Leave a Reply