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कोरोना संक्रमण से उबरने वाले युवक ने कहा- जांच में न बरतें कोताही

Sep 11, 2020

Corona Survivor Speaks outकोण्डागांव। वर्तमान में जहां कोरोना का जानलेवा कहर समुची आबादी पर बरस रहा है और हर दिन मौत और संक्रमण के आंकड़ो में वृद्धि हो रही है ऐसे में एक प्रकार से इस ’’पैनिक’’ माहौल में स्वस्थ हो रहे कोरोना मरीजो की भी कमी नही है। जिन्होने न केवल स्वस्थ होकर कोरोना को मात दी है बल्कि अन्य लोगो को भी कोरोना से बचाव और संक्रमण होने के स्थिति में भी हिम्मत ना हारने का हौसला बढ़ा रहे है। उन्होंने कहा कि जांच करवाने में कोई कोताही न करें।इस संबंध में मुख्यालय कोण्डागांव कें विकास नगर निवासी 40 वर्षीय शन्मुख राव ने अपने अनुभव का साझा करके बताया कि विगत महीने 28 अगस्त शासकीय कार्य के सिलसिले मे रायपुर के प्रवास में थे। इसी प्रवास के दौरान उनमें कोरोना संक्रमण के प्रारंभिक लक्षण जैसे बुखार, गले में खराश, जुकाम जैसे प्रारंभिक लक्षण दिखने लगे शुरूवाती चिकित्सकीय परीक्षण में उनमे कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो गई तत्पश्चात कोण्डागांव मे स्थित टाउन हॉल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित शिविर में पुनः परीक्षण कराने पर उन्हे कोरोना पॉजीटिव पाया गया और उन्हे जिला चिकित्सालय स्थित कोविड कक्ष में भर्ती कर दिया गया। उन्होने आगे बताया कि कोरोना पाॅजीटिव की सूचना मिलने पर पहले तो वे हतप्रभ हुए फिर परंतु चिकित्सको द्वारा बीमारी के प्रति सकारात्मक परामर्श के साथ उनकी हौसला अफजाई की गई और उन्होने उपचार एवं दवाईयां लेने के साथ-साथ पृथक वास के नियम का पालन किया और लगभग एक हफ्ते उपचार उपरांत उनकी डॉक्टरी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई परंतु अभी भी वे ऐहतियात के तौर पर होम आईसोलेशन मे रह रहे है। उनका कहना था कि जहां तक मुख्यालय मे चिकित्सा उपचार का प्रश्न है तो जिला चिकित्सालय में ही प्रारंभिक उपचार की दवाईयां उपलब्ध है और चिकित्सालय के स्टाफ की सेवा की बदौलत वे कम से कम समय मे इस व्याधि से मुक्ति पा चुके है। शन्मुख राव ने यह भी बताया कि लोगो को कोरोना संक्रमण के लक्षण उभरने पर तत्काल अपना डॉक्टरी मुलाहिजा कराने से नहीं हिचकना चाहिये क्योंकि यह न केवल स्वयं के लिए बल्कि परिवार आस-पड़ोस के लोगों के स्वास्थ्य का गंभीर मुद्दा है। कई बार लोग संक्रमण के प्रति लापरवाही बरतते हुए परीक्षण कराने से बचते है जबकि यही स्थिति खतरनाक होती है। इस संबंध में उन्होने अपने रायपुर के एक अन्य मित्र का जिक्र करते हुए बताया कि उनको और उनके में मित्र में एक साथ ही कोरोना संक्रमण के लक्षण प्रकट हुए पंरन्तु उनके मित्र ने संक्रमण के प्रांरभिक लक्षणो को नजरअंदाज किया और चार दिन की देरी कर दी फलस्वरूप उनका संक्रमण अतंतः गंभीर होता गया और उन्हे बचाया नही जा सका। अतः इस बीमारी के लक्षण उभरने पर प्रत्येक व्यक्ति का सामाजिक कर्तव्य है कि वे टाउन हॉल में जाकर अपना चिकित्सकीय परीक्षण करायें क्योंकि जिला अस्पताल में इस व्याधि की प्रारंभिक दवाईयां चिकित्सा सुविंधायें उपलब्ध है साथ ही चिकित्सकीय स्टाफ द्वारा भी बेहतर उपचार किया जाता है और प्रत्येक व्यक्ति इस महामारी से बचाव के समस्त उपायों का पुर्णतः पालन करें। क्योंकि बचाव ही इसका प्रमुख उपचार है। अतं में उन्होने जिला चिकित्सालय के समस्त स्टाफ का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उनके परामर्श और उपचार के बदौलत वे आज स्वस्थ हो गये है।

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