भिलाई। कुछ समय पहले तक फेंकी जाने वाली गोबर ने अब लोगों के जीवन में परिवर्तन लाना शुरू कर दिया है। कुछ पशुपालकों ने इससे होने वाली आय से भैंस खरीदी है तो वहीं किसी ने इससे प्राप्त आमदनी से अपना कर्ज चुका दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इस महत्वाकांक्षी योजना को प्रथम चरण में ही उल्लेखनीय सफलता मिली है। गोबर गोधन से हो रही इस आय ने उनकी आर्थिक स्थिति में तो सुधार किया ही है, उनमें नए उत्साह का संचार भी हुआ है।वार्ड-3 कोसा नगर निवासी होरीलाल यादव बताते है कि वह काफी लंबे समय से डेयरी का व्यावसाय कर रहे हैं, लेकिन उनके लिए हमेशा 17-18 मवेशियों के गोबर का निष्पादन चुनौती रही है। खाद बनाने के लिए डेयरी में अंदर एकत्र करते थे जितनी जगह खाद बनाने के लिए है वह भी उपयुक्त नहीं है। अधिक मात्रा में गोबर होने से इधर उधर फेंक देते थे। अब सरकार की गोधन योजना से हर दिन औसतन 350-400 किलोग्राम गोबर नगर पालिक निगम के भिलाई नगर स्थित शहरी गोठान के गोधन विक्रय केन्द्र में बेचते हैं। इससे उन्हें 700-800 रुपए की कमाई हो रही है। पिछले महीने करीब 15000 हजार रुपए का गोबर बेचा। इस कमाई को ध्यान में रखते हुए उन्होंने 1 लाख रुपए की एक भैंस खरीदी। बाकी राशि किस्तों में दी जाएगी। इसी तरह यादव मोहल्ला निवासी पंचराम यादव ने भी गोधन की आमदनी से 80000 रुपए की भैंस खरीदी है। उन्होंने 30000 रुपए अदा किए हैं तथा शेष किस्तों में जमा करेंगे। पंचराम यादव का कहना है कि उनके पास गाय भैंस सहित 18 मवेशी है। वह हर दिन औसतन 4 क्विंटल तक गोबर बेचते हैं। इससे मिलने वाली राशि को वह किस्तों में व्यापारी को देगा।
वहीं खुर्सीपार निवासी ललिता यादव एवं उनके पुत्र दिनेश्वर यादव ने बताया कि अब तक 8100 किलोग्राम गोबर उन्होंने गोबर खरीदी केंद्र में बेचा है और इससे प्राप्त होने वाली 16200 की राशि से पुराना उधार चुकता किया है! कुरूद गड़रिया पारा के निवासी चैन सिंह यादव गोबर विक्रय से होने वाली आय से बीमा कंपनी की किस्त चुका रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले इन्होंने बीमा नहीं करवाया था परंतु जब गोबर बिक्री से आय के स्रोत बने तब इंश्योरेंस चालू कराया और आने वाले बेहतर भविष्य के लिए पैसा संजो रहे है! चैन सिंह ने अब तक 48140 किलोग्राम गोबर से 96240 रुपए की कमाई की है! इसी प्रकार से भरत लाल यादव, कृष्ण कुमार मौर्य, राजेश यदु, तूकैन कुमार यादव, मनोज यादव, भारत लाल यादव, गुरुचरण सिंह एवं अन्य पशुओं के लिए दाना एवं चारे की व्यवस्था गोबर के विक्रय से होने वाली आय से कर रहे हैं पहले उन्हें अपने खर्च से यह व्यवस्था करनी पड़ती थी!
महापौर एवं भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव तथा निगमायुक्त ऋतुराज रघुवंशी ने गोधन न्याय योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। जोन अंतर्गत गोबर खरीदी केंद्र बनाया जा चुका है जहां पशुपालक गोबर विक्रय कर अपने आय के साधन बढ़ा रहे हैं! छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना नगर पालिक निगम क्षेत्र के पशुपालकों के लिए लाभदायी साबित हो रही है। पशुपालक इस योजना से जुड़कर अपने डेयरी व्यावसाय को बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। शहर में ऐसे कई पशुपालक हैं, जो पहले गोबर को इधर उधर फेंक देते थे। वे अब गोबर को फेंकने के बजाय हर दिन 800-900 रुपए तक कमाई कर रहे हैं। इस कमाई से पशुपालक मवेशियों के लिए दाना और हरा चारे का खर्च निकाल रहे हैं।