भिलाई। मातृभाषा के प्रति लोगों के मन में अनुराग व जागृति उत्पन्न करने के उद्देश्य से स्वामी श्री स्वरूपांनद सरस्वती महाविद्यालय में ई-हिन्दी सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस तात्वावधान में अनेक महाविद्यालयीन ई-चित्रकला, ई-नारा, ई-परिचर्चा, ई-अभिव्यक्ति जिसके अन्र्तगत कविता, स्वरचित कहानी, गीत आदि, ई-निमंत्रण पत्र आदि प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा।विभागाध्यक्ष डॉ सुनीता वर्मा ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये बताया हिन्दी हमारी मातृभाषा, हमारी आत्मा के स्पन्दन की भाशा है। देश की आवाज हिन्दी है यह लाखों भारतीयों के दिल के धड़कन की भाषा है। आज कोविड-19 के कारण प्रतियोगिता का स्वरुप बदला है आप ऑनलाईन माध्यम से अपनी रचनात्मक प्रतिभा को अभिव्यक्त कर सकते है। इससे हिन्दी के प्रति लोगों में सम्मान की भावना जाग्रत होगी साथ ही विद्यार्थियों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का मौका मिलेगा।
प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने विद्यार्थियों को अपने ई-संदेश में कहा आज का युग संप्रेषण का युग है और हम अपनी भावनाओं को अपनी भाषा में सहजता से व्यक्त कर सकते है। राष्ट्र की पहचान राष्ट्र भाषा से होती है यही कारण है 14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने सर्वसम्मति से हिन्दी को संघ की भाषा का दर्जा दिया पर अंग्रेजी के बढ़ते प्रभाव ने हिन्दी को अपने ही घर में अजनबी बना दिया है पर हिन्दी ने भी अपना कलेवर बदला है व नये युग में नये भाव बोध व संप्रेशण क्षमता के साथ अपने को परिवर्तित कर रही है।
डॉ दीपक शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा हिन्दी जन-जन की भाषा है। राष्ट्रभाषा की प्रतिष्ठा में राष्ट्र का गौरव और सम्मान निहित है हिन्दी का प्रश्न राष्ट्रीय अस्मिता और गौरव का प्रश्न है। वह दिन दूर नहीं जब हिन्दी राष्ट्रभाषा ही नहीं अपितु विश्व भाषा के रुप में गौरवान्वित होगी। हिन्दी शिक्षा तकनीकी व विज्ञान की भाषा बनेगी।
कार्यक्रम में विद्यार्थी उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं व अपनी रचनायें ऑनलाईन भेज रहे है। समय के साथ विद्यार्थियों ने अपनी रचना के कलेवर को बदला है रचनायें देख कर नयी आशा का संचार हुआ हिन्दी विद्यार्थियों की अनुभूतियों को अभिव्यक्त करने में समर्थ है साथ ही नयी चुनौतियों का सामना करने के लिये भी दृढ़ संकल्प लिये हुये है और विद्यार्थी भी नई तकनीकी भाषा के रुप में हिन्दी को अपना रहे है यह हिन्दी प्रयोग के लिये शुभ संकेत है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि डिजिटल इण्डिया की भाषा हिन्दी बनेगी।