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कोरोनाकाल में स्पर्श वे डॉल्फिन ने किया छत्तीसगढ़ी लोकगीतों का कार्यक्रम

Sep 12, 2020

Sparsh Musical Nightभिलाई। डॉल्फिन म्यूजिकल ग्रुप एवं स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल ने आज छत्तीसगढ़ी लोकगीतों पर एक खूबसूरत कार्यक्रम प्रस्तुत किया। सांसद विजय बघेल ने अपनी शुभकामनाएं देकर कार्यक्रम का आगाज किया। विख्यात पंडवानी गायिका पद्मविभूषण तीजन बाई, इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की कुलपति एवं प्रसिद्ध लोकगायिका पद्मश्री ममता चंद्राकर, पद्मश्री अनुज शर्मा, काव्यात्मक रूप से पद्मश्री डॉ सुरेन्द्र दुबे, पद्मश्री शमशाद बेगम, पद्मश्री फुलबासन यादव, प्रसिद्ध मूर्तिकार पद्मश्री जेएम नेलसन ने इस कार्यक्रम की मुक्तकंठ से सराहना की।Chhattisgarhiya Sable Badhiyaफेसबुक पर आनलाइन आयोजित इस कार्यक्रम को आरएसबी म्यूजिक के फेसबुक पेज पर लाइव होस्ट किया गया। लगभग दो घंटे तक चले इस कार्यक्रम में परकुशन पर दीपंकर दास, ढोलक पर हूपेन्द्र हिरवानी, कीबोर्ड पर रतन बारिक, गिटार पर अमित पाल, आक्टोपैड पर कविन्द्र बर्मन ने संगत किया। स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ दीपक वर्मा ने कार्यक्रम की खूबसूरत एंकरिंग की।
छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया के नाम से आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ लताजी ने राज्यगीत अरपा पैरी के धार गाकर किया। लक्ष्मण मस्तूरियाजी का प्रसिद्ध गीत मोर संग चलव जी-मोर संग चलव गा.. की खूबसूरत प्रस्तुति राजदीप ने दी। श्रीनिवास एवं लता ने छत्तीसगढ़ी फिल्म प्रेम-सुमन का गीत हिल्लोर मारे न… की खूबसूरत प्रस्तुति दी। श्रीनिवास ने ही इस गीत को संगीत दिया है। डा दीपक वर्मा ने ददरिया – बटकी म बासी अऊ चुटकी म नून, बागे बगीचा दिखे हरियर… चना के दार राजा… गाकर ऑनलाइन श्रोताओं को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। श्री राजदीप ने सरगुजा का कर्मा गीत हमर पारा… तुम्हर पारा.. पारा ए ओ पारा… की सुन्दर प्रस्तुति दी। फिल्मी गीत मया होगे रे तोर संग मया हो गे ना… को प्रस्तुत किया श्रीनिवास ने। दुष्यंत हरमुख का मंच पर सम्मान किया गया। उन्होंने तोर बोली बचन मोला मोही डारी.. की चंद पंक्तियां गाकर मंच की सराहना की। श्री राजदीप की मस्तीभरी पेशकश – ए गोरी तोर लाली बिंदिया.. पर श्रोता झूम उठे। श्रीनिवास एवं लता ने छम-छम बोले पांव की पइरी… खन-खन खनके कंगना…, मिठ-मिठ लागे मया के बानी की सुन्दर प्रस्तुति दी। वहीं डॉ दीपक वर्मा एवं लताजी ने गीत सुन-सुन मोर मया… को आवाज दी।
मस्तीभरा गीत तोर नाम ल सुनके करौंदा वो मोर मुंह म आगे पानी.. को डॉ दीपक वर्मा ने परस्तुत किया। उनका साथ कोरस में दिया स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल की ही गायत्री, पूर्णिमा, अल्मीरा और रौशनी ने। गीत महुआ झरे-महुआ झरे… को राजदीप एवं लता ने प्रस्तुत किया।

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