दुर्ग। शासकीय डॉ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग में कोरोना संक्रमण काल की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष वर्चुअल तरीके से शिक्षक दिवस समारोह आयोजित किया गया।यूजीसी द्वारा द्वारा इस वर्ष ‘शिक्षक हमारे प्रेरणास्त्रोत’ और ‘भारत के शिक्षक’ विषय पर आयोजन करने के निर्देश दिये गये थे। ऑनलाइन आयोजित इस समारोह के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ दीपक कारकून थे। डॉ दीपक कारकून ने कहा कि यह समय धैर्य बनाये रखने का है, हम सभी आवश्यक बचाव करते रहें इस विषम पारिस्थिति में ऑनलाइन शिक्षण के जो प्रयास किये जा रहे वे बेहद सराहनीय हैं। आप सभी इस हेतु बेहतर प्रयास कर रहे हैं।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सुशील चन्द्र तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि ऑनलाईन शिक्षण व्यवस्था के जरिए हमें विद्यार्थियों के कॅरियर के महत्वपूर्ण समय को उपयोगी बनाना है। विद्यार्थियों को उचित मार्गदर्शन एवं सलाह की आवश्यकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को भी साहस एवं धैर्य के साथ अपने अध्ययन को जारी रखना है वे निराश न हो समय-समय पर अपने शिक्षकों से परामर्श लेते रहें।
वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. डी. सी. अग्रवाल ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जिक्र करते हुए उनके शिक्षको के प्रति सम्मान को बताया। अपनी बातों को कम शब्दों में कहना उनकी सबसे बड़ी विशेषता थी और उन्होंने कहा की जिनसे से भी हमने इस जीवन में कुछ सीखा है उनके प्रति धन्यवाद करें।
विज्ञान संकायप्रमुख डॉ. आरती गुप्ता ने कहा गुरुजन ऐसे व्यक्तित्व हैं जिनके शिल्प से मिट्टी रूपी शिष्य एक लाजवाब मूर्ति में बदल जाता है, उन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन में घटित एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि किस तरह उन्होंने अपने वरिष्ठ से समय की पाबंदी सीखी।
रेड क्रॉस प्रभारी डॉ. रेशमा लाकेश ने बताया कि आज के इस विशेष दिन पर छात्राओं के लिए काउंसिलिंग सेशन वेबिनार के माध्यम से रखा गया था जिसमे छात्राओं ने कहा वे महाविद्यालय खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं हालाँकि वर्तमान परिस्थिति से चिंतित भी है।
रासेयो प्रभारी एवं हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. यशेश्वरी ध्रुव ने कहा इस समय ने हमे बहुत कुछ सिखा दिया है आगे भी इस संक्रमण का सामना एकजुटता से करना होगा इसके साथ ही उन्होंने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. ऋचा ठाकुर ने किया।