दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के यूथ रेडक्रास सोसायटी द्वारा प्राचार्य डॉ आर.एन. सिंह के मार्गदर्शन में एंशिएंट आयुर्वेदा – प्राचीन आयुर्वेद पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। उक्त अवसर पर मोहन कुमार नाईकर प्राणिक हीलर अतिथि वक्ता के रूप में आमंत्रित थे। प्राचार्य डॉ आर.एन. सिंह ने बताया कि आयुर्वेद किस तरह से आज के दैनिक जीवन में उपयोगी एवं लाभदायक है। रेडक्रास की इंचार्ज डॉ तरलोचन कौर संधू ने इस अवसर पर उपस्थित प्राध्यापकों का स्वागत करते हुए श्री नाइकर का संक्षिप्त परिचय दिया एवं आयुर्वेद के महत्व पर प्रकाश डाला। श्री नाइकर ने कई तरह की बिमारियों का समाधान विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों के द्वारा किये जाने की जानकारी दी। उन्होंने सप्पनवुड (यथिमुधम) के बहुआयामी उपयोग की जानकारी दी एवं बताया कि किस प्रकार वुड का उपयोग प्रतिदिन करने से हम कई प्रकार की बिमारियों से अपना बचाव कर सकते है। कोविड-19 के इस कठिन समय में विभिन्न औषधीय पौधों के उपयोग से हम स्वयं को किस प्रकार सुरक्षित रख सकते हैं एवं अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते है।
मोहन कुमार ने मेथी, सरसों वं काली मिर्च के उपयोग से विभिन्न बिमारियों के निदान पर प्रकाश डाला एवं बताया कि एस्टिविया पौधे की प्रतियों का प्रयोग करके हम कई रोगों से अपना बचाव कर सकते है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ एम.ए. सिद्दीकी, डॉ मीता चक्रवर्ती, डॉ अनुपमा अस्थाना, डॉ जगजीत कौर सलूजा, डॉ पद्मावती, डॉ एस.के. चटर्जी, डॉ मंजू कौशल, डॉ अलका तिवारी, डॉ अजय सिंह, डॉ नूतन राठौड़, डॉ आर. एस. सिंह डॉ एस.डी. देशमुख, डॉ अजय पिल्लई, डॉ एस.आर.ठाकुर, डॉ संजू सिन्हा, डॉ अभिषेक कुमार मिश्रा, प्रो. दिलीप कुमार साहू, युवराज जंघेल का विशेष योगदान रहा।