दुर्ग। मनुष्य की सकारात्मक सोच हर समस्या का हल होती है। कोविड-19 से मुकाबले में हमें मनोवैज्ञानिक रूप से स्वयं को मजबूत रखना होग। यदि हम कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन को धनात्मक रूप से देखें तो हम सभी अपने परिवारों के नजदीक आ गये हैं। हमने अब परिवार के महत्व को पहचाना है। ये उद्गार छत्तीसगढ़ प्रदेश की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने आज व्यक्त किये। राज्यपाल हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग की एनएसएस इकाई के तत्वाधान में आयेजित एक दिवसीय कोविड-19 जागरूकता संबंधी ऑनलाईन वेबीनार को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रही थीं। बड़ी संख्या में उपस्थित महाविद्यालयीन प्राचार्यों, प्राध्यापकों, एनएसएस के जिला संगठकों, कार्यक्रम अधिकारियों, स्वयंसेवकों तथा एनएसएस इकाइयों द्वारा गोद लिए ग्रामों के सरपंच, पंच तथा महिला स्वसहायता समूहों की प्रतिनिधियों, विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारी तथा कर्मचारी तथा भारतीय कम्पनी संस्थान, नई दिल्ली के आॅनलाईन रूप जुड़े अधिकारियों को संबोधित करते हुए सुश्री उइके ने कहा कि सावधानी ही कोविड-19 से बचने का एकमात्र उपाय है। मास्क पहनना, फिजिकल डिस्टेंसिंग तथा लगातार हाथ धोना हमें अपनी दिनचर्या में अनिवार्य रूप से शामिल करना होगा। राज्यपाल महोदया ने वेबीनार के समस्त प्रतिभागियों को कोविड-19 से लड़ने हेतु अपनाये जाने वाले विचारों की विस्तृत जानकारी दी। राज्यपाल महोदया ने कहा कि एनएसएस विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता की भावना पैदा करना है। उन्होंने कहा कि हमारा आत्मबल ही हमें सफल बनाता है। इससे पूर्व कार्यक्रम के संचालक दुर्ग विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने वेबीनार के आयोजन एवं विषय की महत्ता पर प्रकाश डाला। राज्यपाल ने उच्च शिक्षा, सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, धनंजय देवांगन तथा दुर्ग विश्वविद्यालय की कुलपति, डॉ अरूणा पल्टा की ऑनलाईन उपस्थिति में एनएसएस इकाई की द्विवार्षिक पत्रिका ’’आरोहण’’ का विमोचन भी किया। सुश्री उइके ने दुर्ग विश्वविद्यालय की एनएसएस इकाई तथा दुर्ग विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले समस्त एनएसएस इकाइयों को कोविड-19 संक्रमण काल में आयोजित सामाजिक हित की गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि अन्य विश्वविद्यालय को भी इस तरह की गतिविधियां आयोजित करना चाहिए। दुर्ग विश्वविद्यालय के इतिहास में आज एक और अध्याय तब जुड़ गया जब दुर्ग विश्वविद्यालय तथा भारतीय कम्पनी सेक्रेटरी संस्थान, नई दिल्ली के बीच राज्यपाल एवं उच्च शिक्षा सचिव, धनंजय देवांगन की उपस्थिति में ऑलाईन एमओयू पर हस्ताक्षर किये। इस एमओयू से दोनों पक्षों को लाभ होगा। कुलसचिव, डॉ सी.एल.देवांगन के अनुसार भारतीय कंपनी सेक्रेटरी संस्थान प्रतिवर्ष विश्वविद्यालय के बी.कॉम अंतिम वर्ष में सर्वोच्च अंक प्राप्त विद्यार्थी को स्वर्णपदक तथा मेरिट प्रमाणपत्र प्रदान करेगा। इसके अलावा टॉप 3 प्रावीण्यता प्राप्त विद्यार्थी को कम्पनी सेके्रटरी पाठ्यक्रम में निःशुल्क प्रवेश की पात्रता भी होगी। दुर्ग विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों हेतु फेकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम के आयोजन के साथ-साथ वेबीनार, निःशुल्क शोध प्रत्रिकाओं तथा किताबों को भी भारतीय कम्पनी सेक्रेटरी संस्थान हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग को निःशुल्क उपलब्ध करायेगा। इसका सीधा लाभ हमारे विद्यार्थियों को मिलेगा।
स्वागत भाषण में दुर्ग विश्वविद्यालय के एनएसएस समन्वयक, डॉ आर. पी. अग्रवाल ने दूसरी बार एनएसएस इकाई के कार्यक्रम में राज्यपाल महोदया की ऑनलाईन उपस्थिति एवं प्रेरणादायी उद्बोधन हेतु धन्यवाद दिया। डॉ अग्रवाल ने गोदग्रामों की जानकारी देते हुए कहा कि एनएसएस स्वयंसेवकों द्वारा इन ग्रामों की स्वच्छता अभियान, कोविड-19 की घड़ी में मास्क, सेनेटाइजर का वितरण, जागरूकता अभियान, रक्तदान शिविर, आदि अनेक सामाजिक हित की गतिविधियां अनेक वर्षों से लगातार संचालित की जा रही है। अभी आॅनलाईन गतिविधियां संचालित की जा रही है। कोविड-19 जागरूकता कार्यक्रम में ऑनलाईन रूप से लगभग 800 से ज्यादा ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों तथा स्वयंसेवकों के जुड़े होने की जानकारी डॉ अग्रवाल ने दी है। दुर्ग विश्वविद्यालय की कुलपति, डॉ अरूणा पल्टाने अपने उद्बोधन में पिछले 6 माह में कोविड-19 के कारण लॉकडाउन तथा मनोवैज्ञानिक तनाव से जूझ रहे प्राध्यापकों, विद्यार्थियों कर्मचारियों के मानसिक दबाव को कम करने हेतु दुर्ग विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अनेक ऑनलाईन गतिविधियों की जानकारी दी। डॉ पल्टा ने कोविड-19 से बचाव हेतु आहार एवं पोषण से संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि हमारे किचन में उपयोग आने वाले मसाले हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। तथा आक्सीजन के लेवल में वृद्धि करते हैं। डॉ पल्टा के अनुसार प्रतिदिन गर्म पेय तथा पानी का सेवन हमें स्वस्थ रख सकता है। लौंग, इलायची, अदरक, हल्दी, कालीमिर्च, धनिया, पुदीना, मुलेठी, नीबू, आदि हमारी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। सूर्य का प्रकाश को हमारे जीवन हेतु आवश्यक बताते हुए डॉ पल्टा ने सुबह का नाश्ता समय पर लेने तथा सोने एवं उठने के समय को नियंत्रित करने की सलाह दी।
उच्च शिक्षा सचिव ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों का दायित्व कोविड-19 की अवधि में काफी बढ़ गया है। उन्हें जागरूकता अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहिए। कृषकों एवं ग्रामीणों को मंडी, धान विक्रय केन्द्र, सहकारी बैंकों में सदैव सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क का पालन करना चाहिए। राष्ट्र कवि दिनकर की पंक्तियों के माध्यम से सचिव श्री देवांगन ने सभी को जागरूक रहने की सलाह दी।
एमओयू के दौरान भारतीय कम्पनी सेक्रेटरी संस्थान, नई दिल्ली के अध्यक्ष, कम्पनी सेक्रेटरी श्री आशीष गर्ग ने एमओयू की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भारतीय कम्पनी सचिव, संस्थान का अब तक 53 शैक्षणिक संस्थानों में एमओयू हुआ है। इस एमओयू के माध्यम से शैक्षणिक परिवार के विशेषज्ञों को व्यवसायिक जगत की समस्याओं से जुड़कर उन पर गहन विचार विमर्श करना है। इस एमओयू का सीधा लाभ छत्तीसगढ़ व हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग के विद्यार्थियों को मिलेगा। वर्तमान में कंपनी सचिव संस्थान में 62 हजार सदस्य तथा 5 लाख विद्यार्थी हैं। एमओयू के दौरान नई दिल्ली से संस्थान के उपाध्यक्ष, नागेश्वर राव, आशीष मोहन, सचिव, एस. के. जेना, संचालक ट्रेनिंग तथा रायपुर ब्रांच की चेयरपरसन राधा बंसल तथा कार्यलय प्रमुख प्रफुल्ल कुमार दास भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन दुर्ग विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने किया। इस कार्यक्रम के आयोजन में दुर्ग विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारी, कर्मचारी, भारतीय कम्पनी सेक्रेटरी संस्थान, नई दिल्ली तथा दुर्ग विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले एनएसएस जिलासंगठक, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी, तथा स्वयं सेवकों तथा स्वयं सेवको का विशेष सहयोग रहा। एनएसएस के राज्य सम्पदा अधिकारी, डॉ समरेंद्र सिंह, अपर संचालक, उच्च शिक्षा, दुर्ग संभाग, डॉ सुशीलचंद्र तिवारी तथा छत्तीसगढ़ के अन्य विश्वविद्यालयों के एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक भी उपस्थित थे।