भिलाई। तुलसी विवाह का पर्व एमजे कालेज में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सादगी के साथ मनाया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने बताया कि प्रबोधिनी एकादशी को देव उत्थान या देव उठनी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन लोग अपने-अपने घरों में देवी तुलसी का नारायण के साथ विवाह करवाते हैं। इसके साथ ही लौकिक वैवाहिक मौसम भी शुरू हो जाता है। कार्यक्रम में एमजे ग्रुप के सभी महाविद्यालय सम्मिलित हुए।फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ टिकेश्वर कुमार ने इस अवसर पर कहा कि हमारे ऋषियों ने विज्ञान को जीवनचर्या में शामिल करने के लिए विभिन्न रीतिरिवाजों की स्थापना की। तुलसी का औषधीय महत्व अब जाकर आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने स्वीकार किया है। किन्तु हमने तुलसी को न केवल सम्मान दिया बल्कि उसे अपने जीवन का हिस्सा बनाकर घर-घर में उसकी स्थापना करवा दी। तुलसी जल एवं प्रसाद में तुलसी के रूप में हम उसका सेवन भी सदियों से करते आ रहे हैं। कोरोना काल में तुलसी की भूमिका और भी बड़ी हो गई है।
तुलसी विवाह के लिए गन्ने का मण्डप बनाकर पूजा अर्चना की जाती है। महाविद्यालय के आईक्यूएसी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में महाविद्यालय परिवार के अनेक सदस्य मास्क लगाकर भौतिक दूरी का ख्याल रखते हुए शामिल हुए।