भिलाई। चातुर्मास के दौरान श्री त्रिवेणी जैन तीर्थ में परमपूज्य श्री 108 विराग सागर महाराज की परम शिष्या 105 परमपूज्य विबोधश्री माताजी का ससंघ पिच्छिका परिवर्तन महोत्सव हुआ। सेक्टर-6 से बघ्घियों के साथ पिच्छिका लेकर इंद्र व इंद्राणियों ने रथ पर सवार होकर भव्य शोभायात्रा निकाली। इसमें छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक दिखाई दी। छत्तीसगढ़ी लोकनृत्यों के साथ जैन भवन सेक्टर -6 से पूज्य माताजी ससंघ भक्तों के साथ शोभायात्रा में शामिल हुई। इस मौके पर माताजी को उपस्थित भक्तों द्वारा नई पिच्छीका अपने शीष पर धारणकर दिया। जिसमें माताजी की शिष्याओं ने परम पूज्य विबोधश्री माताजी को नई पिच्छिका अर्पित की। इस दृष्य को 17 वर्षों बाद भिलाई जैन समाज के लोगों ने धर्म उत्साह के साथ देखते हुए जयकारा लगया। इस अवसर पर जैन मिलन, जैन ट्रस्ट, जैन महिला क्लब, श्री पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन महासभा के प्रतिनिधियों सहित छत्तीसगढ़ के अनेक धर्मप्रेमी बंधु आचार्य श्री विराग सागर महाराज का जयकारा लगा रहे थे। युवक व युवतियां पैदल जैन ध्वजा लेकर माताजी के साथ शोभायात्रा में शामिल रहे।