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हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में शोध निर्देशक बनने 88 प्राध्यापकों ने किया आवेदन

Nov 17, 2020

Hemchand Yadav University receives 88 applicationf or PhD guide दुर्ग। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में पीएचडी करने वाले शोधार्थियों के मार्गदर्शन हेतु विभिन्न महाविद्यालयों के 88 प्राध्यापकों, सहा. प्राध्यापकों ने रिसर्च गाइड की मान्यता प्राप्त करने हेतु आवेदन किया है। निर्धारित पात्रता वाले प्राध्यापकों, सहा. प्राध्यापकों का आवेदन अगले वर्ष शोध उपाधि समिति (आरडीसी) के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। समिति के अनुमोदन के पश्चात् ही आवेदित प्राध्यापकों, सहा. प्राध्यापकों को विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न विषयों में शोध निर्देशक के रूप में मान्यता मिल सकेगी। विश्वविद्यालय के अकादमिक विभाग के सहायक कुलसचिव, डॉ सुमीत अग्रवाल ने बताया कि आरडीसी समिति में विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ संबंधित विषयों के प्राध्यापकों के अलावा विश्वविद्यालय के बाहर के प्राध्यापक भी विशेषज्ञ सदस्य के रूप में शामिल रहते हैं। बड़ी संख्या में प्राध्यापकों के रिसर्च गाइड के रूप में मान्यता मिलने से विश्वविद्यालय की शोध गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा तथा शोध निर्देशकों की कमी के कारण अनेक शोधार्थियों के रूके हुए शोध कार्य भी पूर्ण होने में मदद मिलेगी।
विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि शोध विद्यार्थियों की समस्याओं को देखते हुए इस वर्ष कुलपति डॉ अरूणा पल्टा के निर्देशानुसार दुर्ग विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले महाविद्यालयों के प्राध्यापकों, सहा. प्राध्यापकों से शोध निर्देशक बनने हेतु विश्वविद्यालय द्वारा आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये थे। उल्लेखनीय है कि शोध निर्देशकों की कमी के कारण अनेक जेआरएफ/नेट/सेट परीक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थी भी पीएचडी हेतु पंजीकृत नहीं हो पा रहे थे। इन विद्यार्थियों की इन परीक्षाओं की वैधता दो वर्षों की होती है। इन्हीं सब समस्याओं पर विचार करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने पीएचडी शोध निर्देशक के रूप में नये प्राध्यापकों को मान्यता देने हेतु आवेदन आमंत्रित करने का निर्णय लिया।
डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि शोध निर्देशकों के साथ-साथ विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त शोध केन्द्र के रूप में स्थापित होने हेतु भी विभिन्न महाविद्यालयों से आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये थे। इन शोध केन्द्रों की मान्यता हेतु विश्वविद्यालय द्वारा संबंधित विषयों के विशेषज्ञ प्राध्यापकों की समिति गठित कर महाविद्यालयों में उपलब्ध संसाधनों का भौतिक रूप से निरीक्षण करवाया गया। समिति से प्राप्त रिपोर्ट को भी आरडीसी कमेटी के समक्ष प्रस्तुत कर अनुमोदन लिया जायेगा।

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