दुर्ग। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग ने इनफ्लिबनेट केंद गुजरात के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं। इसका सीधा लाभ विश्वविद्यालय के समस्त विषयों के शोधार्थियों को मिलेगा। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग तथा नई दिल्ली स्थित भारतीय कम्पनी सचिव संस्थान के साथ भी एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इन एमओयूज का लाभ शोधार्थियों के साथ-साथ अऩ्य विद्यार्थियों को भी मिलेगा।विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलसचिव, डॉ सी.एल.देवांगन एवं यूजीसी के अंतरविश्वविद्यालय केन्द्र इनफ्लिबनेट गांधी नगर, गुजरात के डायरेक्टर, प्रोफेसर, जे.पी.सिंह जुरेल ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किये। इन शोधार्थियों को सम्पूर्ण भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में होने वाली पीएचडी शोध कार्यो संबंधी लगभग 2 लाख से अधिक संख्या में पीएचडी थिसिस ऑनलाईन देखने की सुविधा उपलब्ध होगी। डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि विश्वविद्यालय की कुलपति, डॉ अरूणा पल्टा के अथक प्रयासों से हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग ने वर्तमान शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों के हित में राष्ट्रीय स्तर की तीन महत्वपूर्ण संस्थाओं से एमओयू किया है।
विश्वविद्यालय के अकादमिक सहा.कुलसचिव, डॉ सुमीत अग्रवाल के अनुसार इस एमओयू के अंतर्गत विश्वविद्यालय के समस्त विषयों के शोधार्थी को शोधगंगा एवं शोधगंगोत्री नामक दो रिपोजिटरी का सीधा लाभ मिलेगा। डॉ अग्रवाल ने बताया कि शोधगंगा ने देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पीएचडी डिग्री हेतु जमा की गई थिसिस की साफ्ट कॉपी उपलब्ध है। जबकि शोधगंगोत्री में पीएचडी हेतु आवश्यक शोध कार्य की संक्षेपिका अर्थात सीनाप्सीस लाखों की संख्या में उपलब्ध है। इस एमओयू के पश्चात् विश्वविद्यालय को इनफ्लिबनेट केंद गुजरात द्वारा एक आई डी पासवर्ड प्रदान किया जायेगा। इसे प्राप्त होते ही विश्वविद्यालय के शोधार्थी इसका लाभ उठा सकेंगे।