हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में शुक्राणु-अण्डों को फ्रीज करने की सुविधा उपलब्ध
भिलाई। बच्चा पैदा करने की सबसे सही उम्र 22 से 28 के बीच की होती है। पर कभी कभी परिस्थितियां ऐसी होती हैं कि विवाह या संतान को टालना जरूरी हो जाता है। आगे चलकर बच्चा करने में दिक्कतें आ सकती हैं। इसलिए अपने फर्टिलिटी एक्सपर्ट से सम्पर्क करें ताकि समय रहते इसे प्लान किया जा सके। इनफर्टिलिटी, आईवीएफ एवं इक्सी एक्सपर्ट डॉ रेखा रत्नानी ने बताया कि बीएसआर हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के आईवीएफ सेन्टर में ऐसे दंपतियों के अंडों और शुक्राणु को संरक्षित करने की सुविधा मौजूद है। यहां का सक्सेस रेट राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा है।डॉ रेखा रत्नानी ने बताया कि पारीवारिक, शारीरिक एवं करियर, नौकरी जैसे अनेक कारणों से अब महिलाएं सही उम्र में विवाह या बच्चे नहीं कर पा रही हैं। इनमें ऐसे दंपति भी शामिल होते हैं जिनका एक पार्टनर विदेश में सेवा कर रहा हो, सेना या अर्द्ध सैनिक बल में हो। ऐसे दंपतियों में से पति का बार-बार आइवीएफ सेन्टर आना संभव नहीं होता। ऐसे में हम उनकी वीर्य को संरक्षित कर सकते हैं। करियरिस्ट वुमन में शादी की उम्र 30 या उससे भी अधिक हो चुकी है। इसके बाद भी बच्चे को 34-35 तक टालने की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है। लिहाजा गर्भधारण करने में भी दिक्कतें आ रही हैं। ऐसे दंपतियों को चाहिए कि वे अपने गायनेकोलॉजिस्ट से चर्चा कर इसकी पूरी योजना बना लें। यदि बच्चा टालना चाहते हैं तो अपने अंडों और शुक्राणु को तभी सुरक्षित करा लें जब वे पूर्ण रूप से स्वस्थ होते हैं।
डॉ रत्नानी ने बताया कि आम तौर पर हम कहते हैं कि यदि सामान्य रूप से प्रयास करने के बाद भी एक साल के भीतर गर्भधरण नहीं कर पाते तो डॉक्टर के पास आना चाहिए। पर यदि ऐसे दंपतियों में स्त्री की उम्र 35 से अधिक हो तो उन्हें छह माह से ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहिए। इसमें समय बड़ा कीमती होता है। जैसे जैसे उम्र बढ़ती है वैसे वैसे शुक्राणु एवं अंडे दोनों की संख्या और गुणवत्ता खराब होती जाती है।
डॉ रत्नानी ने बताया कि अधिकांश फर्टिलिटी केन्द्रों में पूरी अधोसंरचना नहीं होती जिसके कारण सफलता की दर काफी कम रहती है। हाइटेक आइवीएफ सेन्टर में इसकी वैश्विक मानकों के अनुरूप सुविधाएं मौजूद हैं। यहां एक ही छत के नीचे स्त्री-पुरुष की सम्पूर्ण जांच, सभी तरह के इलाज, गर्भधारण की सभी प्रक्रियाएं एवं अंडे तथा वीर्य को फ्रीज करने की सुविधा उपलब्ध है। इन प्रोसीजर्स की सफलता का राष्ट्रीय औसत जहां 60 से 70 फीसद है वहीं हाइटेक आईवीएफ सेन्टर में सफलता की दर 89 फीसदी है। हम ऐसी महिलाओं को दोबारा मातृत्व सुख देने में सफल रहे हैं जिनकी उम्र 50 से अधिक थी, जिन्हें गर्भाशय का कैंसर था, फैलोपिय ट्यूब बंद थे, कभी मासिक धर्म नहीं हुआ था या जिनका गर्भाशय काफी छोटा था।