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संजय रूंगटा ग्रुप में जर्नल पेपर राइटिंग और प्रोजेक्ट प्रपोजल लेखन पर वेबिनार

Dec 16, 2020

Webinar in Rungta Groupभिलाई। संजय रूंगटा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस द्वारा संचालित आरएसआर रूंगटा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा जर्नल पेपर राइटिंग और प्रोजेक्ट प्रपोजल राइटिंग पर ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। डॉ विनोद कुमार शर्मा प्रोफेसर, वीआईटी विश्वविद्यालय, वेल्लोर, तमिलनाडु, वेबिनार के मुख्य वक्ता रहे। उन्होंने शोध पत्र लेखन विधि, इसके विभिन्न अनुभागों, प्रकाशन प्रक्रिया और साहित्यिक चोरी की गहन जानकारी दी। उन्होंने परियोजना प्रस्ताव लेखन और इससे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं का भी वर्णन किया।किसी भी शोध पत्र का एक प्राथमिक लक्ष्य उस शोध के परिणाम को बताना है। शोध परियोजना कई शोध प्रश्नों को संबोधित कर सकती है| एक शोध पेपर आदर्श रूप से एक शोध प्रश्न पर केंद्रित होती है प्रश्न में कई पहलुओं को शामिल करने के बजाय एक संकीर्ण ध्यान होना चाहिए। प्रोफेसर शर्मा ने अपने वक्तव्य मे बताया कि प्रकाशन अनुसंधान का एक अंतर्निहित हिस्सा है; यदि शोध प्रकाशित नहीं किया गया है, तो यह पूरा नहीं हुआ है। अनुसंधान निधियों का आवंटन, अकादमिक नियुक्तियों और पदोन्नति अभ्यास व्यक्तिगत शोधकर्ता के प्रकाशनों की मात्रा और गुणवत्ता पर निर्भर करते हैं।
व्याख्यान में विभिन्न कॉलेजों के संकाय सदस्यों, यूजी और पीजी छात्रों ने भाग लिया। छात्रों ने वेबिनार में गहरी रुचि ली और सक्रियता से उत्साहपूर्वक भाग लिया।छात्रों ने शोधकर्ता बनने और समाज के लाभ के लिए अपने क्षेत्रों से संबंधित अनुसंधान शुरू करने के लिए जिज्ञासा दिखाई ।
वेबिनार के इस सफल आयोजन पर समूह के चेयरमेन संजय रुंगटा एवं डायरेक्टर साकेत रुंगटा ने समस्त प्रतिभागियो एवं आयोजनकर्ताओ को अपनी शुभकामनए प्रेषित की |इस वेबिनार मे आरएसआर रूंगटा कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. एसवी देशमुख, डीन एकेडमिक्स डॉ. लोकेश सिंह, विभागाध्यक्ष दिनेश दुबे, संकाय सदस्य सहित बड़ी संख्या में छात्र शामिल हुए।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव, डॉ सी.एल. देवांगन के अनुसार यूजीसी द्वारा समस्त विश्वविद्यालयों में होने वाले शोध कार्यो से संबंधित सम्पूर्ण विवरण शोधगंगा तथा शोधगंगोत्री में अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये है। इसमें इन विश्वविद्यालयों में पूर्व के वर्षों में जमा की गई पीएचडी थिसिस को भी डिजीटाइज कर शोधगंगा में उपलब्ध कराने के प्रयास जारी है। वास्तव में इनफ्लिबनेट केंद गुजरात यूजीसी का एक अंर्तविश्वविद्यालय केन्द्र है जो विश्वविद्यालयों में सृजित विद्ववतापूर्ण सामाग्री की खुली पहुंच को बढ़ावा देता है। शोध का वास्तविक अर्थ अनुसंधान, खोज, गवेषणा, रिसर्च अथवा डिस्कवरी होता है।

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