दुर्ग। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी में प्रवेश हेतु यूजीसी के निर्देशानुसार ली जाने वाली प्रवेश परीक्षा 31 जनवरी 2021 को आयोजित किये जाने का प्रस्ताव है। यह जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि इस संबंध में आज विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति, डॉ अरूणा पल्टा ने समस्त अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दियें। डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि इस संबंध में पीएचडी प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के पोर्टल पर दिनांक 01 जनवरी 2021 से 500 रूपये निर्धारित शुल्क एवं आवेदन ऑनलाईन करने की सुविधा उपलब्ध होगी।विश्वविद्यालय के परीक्षा उपकुलसचिव, डॉ राजमणि पटेल ने बताया कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा 2021 संबंधी अधिसूचना विश्वविद्यालय द्वारा शीघ्र जारी कर दी जायेगी। पीएचडी प्रवेश परीक्षा 19 विषयों में आयोजित होगी। इन विषयों में शिक्षा, समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र, इतिहास, हिन्दी, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, भूगोल, वाणिज्य, गणित, भू-विज्ञान, भौतिक, रसायन, वनस्पतिशास्त्र, प्राणीशास्त्र, माइक्रोबायलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, गृहविज्ञान शामिल हैं। दो पालियों में होने वाली परीक्षा के प्रथम पाली में होने वाला प्रश्नपत्र सभी परीक्षार्थियों के लिए अनिवार्य होगा। दूसरी पाली में विद्यार्थी अपने-अपने स्नातकोत्तर कक्षा के विषय के अनुसार परीक्षा देंगे। वस्तुनिष्ठ प्रकार के इन प्रश्नों के उत्तर देने हेतु विद्यार्थी को निर्धारित समय सीमा प्रदान की जायेगी।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव, डॉ सी.एल. देवांगन के अनुसार पीएचडी प्रवेश परीक्षा हेतु आवेदन करने वाले परीक्षार्थियों की संख्या के आधार पर दुर्ग विश्वविद्यालय परीक्षा केन्द्र की संख्या एवं वहां आयोजित होने वाली विषय अनुसार विद्यार्थियों को परीक्षा केन्द्र आबंटित करेगा। समस्त परीक्षार्थी निर्धारित तिथि तक अनिवार्य रूप से शुल्क सहित अपना आवेदन पत्र ऑनलाईन 01 जनवरी 2021 से जमा कर सकते हैं। पीएचडी प्रवेश परीक्षा का पाठ्यक्रम नेट परीक्षा के पाठ्यक्रम के अनुरूप होगा। प्रवेश परीक्षा में सफल होने वाले विद्यार्थियों को उनके संबंधित विषय में शोध निर्देशक एवं शोध केन्द्र की उपलब्धता के आधार पर शोध केन्द्र में डीआरसी की बैठक में शामिल होकर प्रवेश लेना होगा, तथा समस्त शोधकर्ताओं को छः माह की अवधि का कोर्स वर्क पूर्ण करना अनिवार्य होगा।