हेमचंद यादव विवि में सत्र 2017-18 के मेधावी छात्र-छात्राओं का ऑनलाइन सम्मान
दुर्ग। निष्ठा एवं समर्पण युक्त विद्यार्थी जीवन ही सफलता का मूल मंत्र है। किसी भी विद्यार्थी को मिलने वाला प्रावीण्यता प्रमाण पत्र उसकी उत्कृष्टता का परिचायक है। ऐसे विद्यार्थियों के पालकों को विशेष गर्व की अनुभूति होती है। ये उद्गार छत्तीसगढ़ शासन के परिवहन, आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग द्वारा सत्र 2017-18 के स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर की प्रावीण्य सूची में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त विद्यार्थियों के ऑनलाईन सम्मान समारोह में व्यक्त किये। समारोह की अध्यक्षता करते हुए श्री अकबर ने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को यह प्रयास करना चाहिए कि वह यह गौरव अपने माता पिता को दिलवायें। दुर्ग विश्वविद्यालय की रचनात्मक गतिविधियों की सराहना करते हुए कैबिनेट मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि वर्तमान प्रतिस्पर्धा के समय में विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत पर अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।
कार्यक्रम का आरंभ छत्तीसगढ़ राज्य गीत अरपा पैरी के धार तथा वर्चुअल दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। कार्यक्रम के संचालक एवं दुर्ग विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने कार्यक्रम की रूप-रेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि सम्मान समारोह के दौरान मेधावी 33 छात्र-छात्राओं को प्रावीण्यता प्रमाणपत्र के साथ-साथ प्रत्येक सर्वोच्च स्थान प्राप्त विद्यार्थी के बैंक खाते में पांच हजार रूपये राशि शीघ्र विश्वविद्यालय द्वारा जमा कर दी जायेगी। मेधावी छात्र-छात्राओं की उपलब्धि प्रदर्शित करते हुए विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव, परीक्षा भूपेन्द्र कुलदीप ने पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण किया।
कुलपति डॉ अरूणा पल्टा ने कोविड-19 संक्रमण काल में दुर्ग विश्वविद्यालय की रचनात्मक गतिविधियों का उल्लेख करते हुए समस्त प्रावीण्य सूची में सर्वोच्च स्थान प्राप्त विद्यार्थियों को बधाई दी। डॉ पल्टा ने बताया कि सत्र 2018-19 में प्रावीण्य सूची में सर्वोच्च स्थान प्राप्त विद्यार्थियों हेतु पृथक से सम्मान समारोह आयोजित किया जायेगा।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित उच्च शिक्षा विभाग के सचिव धनंजय देवांगन ने प्रावीण्य सूची में बड़ी संख्या में छात्राओं के शामिल होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि कोई बालिका शिक्षित होती है तो पूरा परिवार शिक्षित होता है। श्री देवांगन ने सम्मान समारोह के आयोजन की महत्ता एवं पुरूस्कार राशि प्राप्ति की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन से विद्यार्थियों में आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। अपने छात्र जीवन का स्मरण करते हुए धनंजय देवांगन ने विद्यार्थी को अध्ययन काल के दौरान सदैव सजग रहकर निरंतर अभ्यास करने का आव्हान किया।
कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ सी. एल. देवांगन ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, प्राध्यापक, छात्र-छात्राएं तथा विश्वविद्यालय के एनएसएस समन्वयक डॉ आर.पी.अग्रवाल, खेल संचालक डॉ एल.पी.वर्मा, वित्त अधिकारी ज्योत्सना शर्मा, उपकुलसचिव भूपेन्द्र कुलदीप, डॉ राजमणि पटेल, सहा. कुलसचिव, हिमांशु शेखर मंडावी, डॉ सुमीत अग्रवाल सहित विश्वविद्यालय के कर्मचारी ऑनलाइन उपस्थित थे।