दुर्ग। नैक क्रायटेरिया -3 (रिसर्च एण्ड इनोवेशन) पर एसएलक्यूएसी, परामर्श योजना, आईक्यूएसी सेल शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन आयोजित किया गया। प्राचार्य एवं संरक्षक डॉ आर.एन. सिंह ने नैक की अनिवार्यता एवं तैयारियों के संबंध में जानकारी दी। एसएलक्यूएसी के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डॉ जी.ए. धनश्याम ने नैक से संबंधित तैयारियों तथा महाविद्यालयों को आने वाली परेशानियों के बारे में बताया। रिसोर्स पर्सन डॉ ए.के. पति ने क्रायटेरिया-3 पर विस्तृत जानकारी दी। डॉ. पति ने अत्यंत सरल शब्दों में समझाया कि मेट्रिक्स एवं की इंडीकेटर्स का डिस्ट्रीबूशन किस प्रकार होता है एवं किसी भी महाविद्यालय में डिजिटल फुट प्रिंट तथा रिसर्च गेट में प्रवेश की प्रक्रिया क्या होती है। उन्होंने पेपर पब्लिकेशन हेतु सही जर्नल्स के चयन तथा वेब ऑफ साइंस स्कोप्स, गूगल स्कॉलर एवं पब मेड में सभी शोधार्थियों के रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता पर जोर दिया। रिसर्च को प्रोत्साहित करने हेतु शोधार्थियों को कैश इंससेंटिव तथा उत्कृष्ट शोध के लिए बेंच मार्क निर्धारित करने की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ पति ने रिसर्च कोलेबेरेशन के विभिन्न प्रकार, लिंकेज एण्ड कोलेबेरेषन में अंतर तथा इंडेक्स केलकुलेषन पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी।
डॉ जी.ए. धनश्याम ने बताया कि शिक्षकों के भीतर शोध तथा प्रकाशन हेतु स्वजागृति लाने का प्रयास करना होगा। इस हेतु राज्य गुणवत्ता प्रकोष्ठ के द्वारा एक वर्कशाप का आयोजन किया जाएगा।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ आर.एन. सिंह ने मेंटी महाविद्यालयों के लिए एसएसआर भरने हेतु प्रत्येक टेम्पलेट के संबंध में विस्तारपूर्वक महत्वपूर्ण जानकारियां अत्यंत सरल शब्दों में दी, साथ जियोटेगिंग की अनिवार्यता के बारे में बताया।
कार्यक्रम के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ अनिल कुमार ने अपने कनक्लूडिंग रिमार्क में सभी फैकल्टी को अधिक से अधिक पब्लिकेषन के लिए प्रोत्साहित किया तथा बेंच मार्किंग हेतु प्वाइंट निश्चित करने पर जोर दिया।
कार्यक्रम में विभिन्न महाविद्यालय के आईक्यूएसी कोऑर्डिनेटर डॉ जगजीत कौर सलूजा एवं अन्य सभी सदस्य तथा विभिन्न महाविद्यालयों से 120 से अधिक सदस्य ऑनलाइन उपस्थित रहे। कार्यक्रम समन्वयक एवं परामर्श योजना की संयोजक डॉ अनुपमा अस्थाना ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।