भिलाई। संजय रुंगटा ग्रुप आफ इन्स्टीट्यूशन्स द्वारा संचालित रूंगटा कॉलेज ऑफ साइन्स एंड टेक्नोलोजी, दुर्ग के तत्वाधन मे “महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद,” भारत सरकार द्वारा “ग्रामीण उद्यमिता विकास प्रकोष्ठ” पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। संजय रूंगटा ग्रुप राज्य में ग्रामीण नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को लाने में भी सक्रिय है। संस्थान ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद के साथ करार भी किया है। मेट्रोपॉलिटन शहरों में उद्यमिता की चर्चा हमेशा से होती रही है। छत्तीसगढ़ में स्टार्टअप इको-सिस्टम में सुधार के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाये गये हैं। इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता मनोज सिंह परमार, एमजीएनसीआरई थे । कार्यशाला में बीबीए पाठ्यक्रम के संकाय सदस्यों और छात्रों ने भाग लिया। श्री मनोज सिंह परमार ने छात्रों को केस स्टडी के माध्यम से उद्यमिता की अवधारणा के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने संसाधनों को इकट्ठा करने और प्रोटोटाइप के निर्माण की प्रक्रिया पर जोर दिया, जो आसानी से उपलब्ध और कम उपयोग किए जाते हैं। उन्होंने गाय के गोबर के उपयोग के विवरण को समझाते हुए उसे बिक्री योग्य सामग्री में परिवर्तित करने की प्रक्रिया से अवगत कराया ।
छात्रों ने कार्यशाला में गहरी दिलचस्पी दिखाई । छात्रों ने उद्यमी बनने और निकट भविष्य में ग्रामीण उद्यम शुरू करने के लिए जिज्ञासा भी दिखाई। ग्रुप के चेयरमेंन संजय रूंगटा ने इस कार्यशाला के सफल आयोजन पर बधाई प्रेषित की ।कालेज की प्राचार्या डॉ.तृप्ति अग्रवाल जैन, डॉ. प्रीति नवीन यादव सहित कालेज के शिक्षको व छात्रों ने कार्यशाला में भाग लिया।