दुर्ग। संभाग के समस्त शासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक स्थानीय कलेक्टोरेट के सभागृह में आयोजित की गयी। बैठक की अध्यक्षता उच्च शिक्षा विभाग के सचिव धनंजय देवांगन ने की। उन्होनें सभी प्राचार्यों को संबोधित करते हुए कहा कि सीमित संसाधनों में लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रशासनिक कौशल आवश्यक है। उत्कृष्ट परिणाम के संकल्प के साथ उच्चशिक्षा के गुणात्मक सुधार के लिए जुट जाएं। इस अवसर पर उच्च शिक्षा की आयुक्त शारदा वर्मा, अपर संचालक चंदन संजय त्रिपाठी, रासेयो के राज्य समन्वयक डॉ समरेन्द्र सिंह, राज्य गुणवत्ता प्रकोष्ठ के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डॉ जी.ए. घनश्याम भी बैठक में उपस्थित थे। उच्च शिक्षा दुर्ग संभाग के क्षेत्रीय अपर संचालक डॉ सुशील चन्द्र तिवारी ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा महाविद्यालयों के शैक्षिणिक एवं अकादमिक गतिविधियों की संभागवार समीक्षा बैठक आयोजित की जा रही है। जिसमें ऑनलाईन अध्यापन, महाविद्यालयों के भवन के निर्माण एवं जीर्णोद्धार से संबंधित कार्यों की समीक्षा के साथ अधिकारी एवं कर्मचारियों के पेंशन, अनुकंपा नियुक्तियों के प्रकरणों पर समुचित कार्यवाही सुनिश्चित करने चर्चा की गयी।
उच्च शिक्षा सचिव एवं आयुक्त ने सभी प्राचार्यों को निर्देश दिए गए विद्यार्थियों की पढ़ाई में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। ऑनलाईन अध्यापन व्यवस्था सुव्यवस्थित एवं सुनिश्चित हो तथा विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम को ध्यान में रखकर आवश्यक होने पर अतिरिक्त कक्षाएँ ली जावें। बैठक में संभाग के दुर्ग, राजनांदगांव, बेमेतरा, बालोद, कबीरधाम जिले के सभी शासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित थे। जिलेवार सभी महाविद्यालयों के संबंध में चर्चा कर प्राचार्यों से जानकारी ली गयी।
इस अवसर पर राज्य गुणवत्ता प्रकोष्ठ के डॉ जी.ए. घनश्याम ने नैक मूल्यांकन के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी दी। अंत में क्षेत्रीय अपर संचालक डॉ सुशील चन्द्र तिवारी ने आभार प्रदर्शन किया।