भिलाई। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत सरकार ने मोबाइल मेडिकल यूनिट शुरू की है। जो लोगों के लिए जीवनदायनी साबित हो रही है। नवंबर से शुरू हुई योजना में एमएमयू से 9325 मरीजों का इलाज हो चुका है, वहीं लोगों को इसके माध्यम से तत्काल इलाज मिल रहा है। काम काज के चलते सुबह जल्दी जाना और देर शाम काम से लौटने के कारण परिवारजनों को इलाज के लिए लाने ले जाने में भी परेशानी होती थी। इससे अब निजात मिल गई है। अब मोहल्लें में ही घर के पास एमएमयू के पहुंचने से इलाज के लिए न अपाइन्टमेंट लेना पड़ता है और न ही लंबे समय तक लाइन में खड़े होने की समस्या है। डॉक्टरी सलाह की फीस भी नहीं लगती। मेडिकल यूनिट में जाते ही कुछ मिनटों में ही इलाज हो जाता हैं।
‘फ्री म इलाज के सपना होगे साकार, डॉक्टर मन आगे हमर दुआर’ की परिकल्पना से शासन द्वारा शुरू किए गए मोबाइल मेडिकल यूनिट को बहुत अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए महापौर देवेन्द्र यादव एवं निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी लगातार मेडिकल यूनिट पहुंचकर मॉनिटरिंग कर रहे है। मोहल्ले में ही मोबाइल मेडिकल यूनिट के पहुंचने से ‘सब्बों स्वास्थ्य जम्मो सुघ्घर का सपना’ साकार होने लगा है। मोबाइल यूनिट में अनुभवी चिकित्सक कुछ मिनटों में ही जांच कर रिपोर्ट भी दे रहे हैं, निःशुल्क इलाज और दवा मिल जाने से लोगों का समय और पैसा बचने लगा है, और नागरिक कहने लगे है, सुघ्घर हे सरकार के स्लम स्वास्थ्य योजना जहां क्षेत्र के नागरिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा रहे है। योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए भिलाई निगम क्षेत्र में 2 नग मोबाइल मेडिकल यूनिट और एक दाई-दीदी क्लीनिक है जो प्रतिदिन रूट चार्ट के अनुसार निगम क्षेत्र के वार्डों में सुबह 8 बजे से दोपहर 3 बजे तक मोहल्लों में अपनी सेवाएं देती है। मेडिकल यूनिट में अनुभवी एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम मौजूद रहते हैं, जो इलाज के लिए आने वाले व्यक्तियों की तकलीफों को सुनकर तथा जांच कर निःशुल्क दवाई देते हैं। स्लम स्वास्थ्य योजना में भिलाई निगम क्षेत्र में अब तक 160 शिविर आयोजित किये जा चुके है जहां अब तक क्षेत्र के कुल 9738 लोगों ने मोबाइल यूनिट में पहुंचकर स्वास्थ्य लाभ लिया है। मोबाइल मेडिकल यूनिट में पैथोलाॅजी जांच, हिमोग्लोबिन, शुगर, बीपी एवं पेशाब की निःशुल्क जांच के अलावा अन्य प्रकार के जांच, अनुभवी एवं प्रशिक्षित चिकित्सकों की निगरानी में चिकित्सा सेवा एवं निःशुल्क दवाई का वितरण किया जा रहा है। दाई-दीदी क्लीनिक में महिला डॉक्टर एवं स्टाफ के द्वारा आम लोगों के अतिरिक्त कुपोषित बच्चों तथा गभर्वती महिलाओं का विशेषकर इलाज किया जा रहा है।