भिलाई। छत्तीसगढ़ की संस्कृति प्राणि मात्र के प्रति करुणा जगाती है। उनका यह करूणा भाव प्रवासी पक्षियों के मामले में भी सामने आता है। गिधवा-परसदा पक्षी महोत्सव को मिला प्रतिसाद इसका नमूना है। महासमुन्द गरियाबंद की सीमा पर ग्राम लचकेरा के आसपास भी प्रवासी पक्षी बड़ी संख्या में आते हैं। वहां के ग्रामीणों ने इन पक्षियों की सुरक्षा के लिए कड़े नियम बना रखे हैं। इन पक्षियों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने पर भी वहां हजार रुपए तक जुर्माना देना पड़ता है।