भिलाई। प्राध्यापक स्वयं को विद्यार्थी समझकर प्रश्नपत्रों की रचना करें तभी सही रूप से विद्यार्थियों के स्तर एवं निश्चित् समयावधि में उनके द्वारा प्रश्न पत्र हल किया जा सकेगा। ये उद्गार हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरूणा पल्टा ने आज व्यक्त कियें। डॉ पल्टा आज दुर्ग विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले शासकीय एवं निजी महाविद्यालयों के सैंकड़ों प्राध्यापकों को ऑनलाईन रूप से संबोधित कर रही थीं। विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं में प्राध्यापकों द्वारा किये जाने वाले प्रश्नपत्रों की रचना के संबंध में प्राध्यापकों को महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए डॉ पल्टा ने कहा कि प्रश्नपत्र में कठिन तथा सरल दोनों प्रकार के प्रश्नों का समावेश होना चाहिए। उन्होंने प्राध्यापकों से आव्हान किया कि वे इस बात का भी ध्यान रखें कि एक सामान्य विद्यार्थी निर्धारित समय सीमा में पूर्ण प्रश्नपत्र हल कर सकें।अपने 40 वर्षीय दीर्घ शैक्षणिक सेवा के अनुभवों एवं वर्तमान में कुलपति के रूप में विद्यार्थियों, प्राध्यापकों तथा प्रिंटिंग कार्य संपादित करने वाले लोगों से प्रश्नपत्र के बारे में प्राप्त फीडबैक की विस्तार से चर्चा करते हुए डॉ पल्टा ने कहा कि प्रश्नपत्रों की रचना के दौरान नंबरों का आबंटन, हैण्डराइटिंग तथा विषय वस्तु से जुड़े प्रश्न महत्वपूर्ण घटक होते हैं। डॉ पल्टा ने प्रश्नपत्रों के रचना के पूर्व सिलेबस का एक बार अवलोकन करने का भी आग्रह किया। उन्होंने समस्त प्राध्यापकों को सलाह दी कि वे विश्वविद्यालय को सहयोग करते हुए प्राप्त प्रश्नपत्रों की शीघ्र रचना कर विश्वविद्यालय को उपलब्ध करायें।
इससे पहले ऑनलाईन व्याख्यान के आरंभ में अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने रूप रेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि आगामी सप्ताह से दुर्ग विश्वविद्यालय में ऑनलाईन परीक्षा फार्म भरने की प्रक्रिया आरंभ हो रही है। ऑनलाईन व्याख्यान के दौरान विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ सी. एल. देवांगन, विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारी, विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, प्राध्यापक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।