दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के साइंस क्लब का शुभारंभ बसंत पंचमी के अवसर पर किया गया। इस अवसर पर Todays Scenario of World and Hope from Sciences विषय पर दो दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन भी किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ आर.एन. सिंह ने वर्तमान परिस्थितियों में विज्ञान की आवश्यकता एवं उसके स्टेट्स पर प्रकाश डाला। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरूणा पल्टा ने साइंस क्लब की अवधारणा की प्रशंसा की। कुलपति डॉ अरुणा ने कहा कि प्रत्येक संकाय को इस प्रकार के क्लब की स्थापना करना चाहिए, जिससे विज्ञान के साथ ही साथ अन्य क्षेत्रों पर भी नवीन कार्य किये जा सकें। उन्होंने साइंस क्लब में स्नातकोत्तर विद्यार्थियों की भागीदारी की सराहना करते हुए विज्ञान विश्वविद्यालय के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। प्रो. रंजना श्रीवास्तव ने आभार व्यक्तव्य दिया। कार्यशाला के तकनीकी सत्र में डॉ एम. रॉय, आरटीएम, नागपुर युनिवर्सिटी, नागपुर ने साइंस एवं टेक्नालॉजी के आपसी सामंजस्य पर अत्यंत रोचक जानकारी दी। उन्होंने बेसिक साइंस के महत्व को समझाते हुए स्किल टूल मटेरियल को समझाया। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास ही सही मायने में विकास कहलाता है। उन्होंने समझाया कि किस प्रकार साइंस क्लब की सहायता से विज्ञान को समाज में स्थानांतरित किया जा सकता है। महाविद्यालय के शोध छात्रों एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों ने अपने शोध एवं विज्ञान के विभिन्न विषयों में अपनी प्रस्तुतिकरण दी।
शोध छात्रों के समूह में भौतिक शास्त्र की नेहा दुबे, रसायन शास्त्र की आयशा हाशमी, वनस्पति शास्त्र के दानेश्वर प्रसाद, प्राणीशास्त्र के ईवराज जंघेल, माइक्रोबायलॉजी की हेमपुष्पा, ने रोचक प्रस्तुतियां दीं। दूसरे दिन तृतीय सत्र में डॉ ज्योत्सना एस. मेश्राम आर.जे.एम. नागपुर विश्वविद्यालय, नागपुर ने रियल लाईफ एप्लीकेशन इन केमिस्ट्री पर आमंत्रित व्याख्यान दिया। उन्होंने रसायन शास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार विजेताओ एवं अन्य वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को बहुत ही रोचक ढंग से विद्यार्थियों को समझाया। साथ ही साथ उन्होंने वर्तमान समय की समस्याओं जैसे कचरे का प्रबंधन, जनसंख्या, तेल रिसाव, वन विनाश तथा जल की समस्याओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने रसायन के क्षेत्र में आवश्यक औषधी निर्माण तथा इनके जीनपूल पर प्रभाव को समझाया। साथ ही साथ महिलाओं के लिए बालों के सौंदर्य की केमेस्ट्री को बहुत ही रोचक तरीके से विद्यार्थियों को समझाया।
विद्यार्थियों के प्रस्तुतिकरण सत्र में भौतिकी शास्त्र विभाग की धर्मिषा नरेटी, रसायन शास्त्र के अनिरूध्द भट्टाचार्य, बायोटेक्नालॉजी की प्रगति कर्रीमोर एवं निधि जैन, वनस्पति शास्त्र के उमाशंकर ने इम्न्यूटी बूस्टर प्लान्ट पर अपने प्रस्तुतिकरण में हल्दी, तुलसी, अमरबेल, नीबू, नीम, आंवला, काली मर्च तथा मूलेठी को इम्यूनोबूस्टर के रूप में प्रस्तुत किया। प्राणीशास्त्र विभाग की सिमरन खत्री, माइक्रोबायलॉजी की नीलिमा देवांगन, भूगर्भशास्त्र के निखिल वर्मा, गणित विभाग की निकिता सिंह, निशिकेता दास ने विभिन्न वैश्विक समस्याओं जैसे प्राकृतिक आपदा मौसम परिवर्तन, वायु प्रदूषण के संबंध में प्रस्तुतिकरण दी।