भिलाई। हाईटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर आज एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। अस्पताल के सभी विशेषज्ञों ने इसमें बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। आयोजन का मुख्य उद्देश्य 2030 तक कैंसर से होने वाली मौतों को 66 फीसदी तक कम करने के लक्ष्य को प्राप्त करने का रोडमैप तैयार करना था। सभी विशेषज्ञों की राय थी कि स्वास्थ्य की नियमित जांच करवाकर हम इसे आरंभिक स्टेज में पकड़ सकते हैं और इसे आसानी से हरा सकते हैं।वरिष्ठ हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ आकाश बख्शी ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हालांकि दिल में कैंसर के बारे में बहुत कम सुना जाता है, पर यह सही है कि हृदय की मांसपेशियों में भी गांठें पड़ती हैं, हालांकि ये कैंसर नहीं होता। इन्हें भी सर्जरी द्वारा निकालना पड़ता है। पर कैंसर शरीर के किसी भी अंग का हो, जैसे ही कैंसरग्रस्त कोशिकाएं रक्त के साथ चलना शुरू करती हैं तो उन्हें दिल से होकर गुजरना पड़ता है। शरीर के किसी भी हिस्से में कैंसर से रक्त गाढ़ा होने लगता है जिसके कारण हृदय भी प्रभावित होता है।
सवालों का जवाब देते हुए वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रेखा रत्नानी ने बताया कि गर्भाशय से जुड़े कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। समय पर जांच नहीं करवाने के कारण इसका इलाज लंबा और खर्चीला हो जाता है। कभी कभी मरीज को बचाना भी मुश्किल हो जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि महिलाएं साल में कम से कम एक बार पैप स्मीयर टेस्ट करवाकर इससे बच सकती हैं। बेहतर हो कि हम एनीवर्सरी गिफ्ट के तौर पर हेल्थ चेकअप की मांग करें ताकि यह एक संस्कृति के रूप में उभर सके। एक अन्य सवाल के जवाब मे उन्होंने कहा कि कैंसर के इलाज का एक पक्ष पीड़ा या दर्द से है। आज दर्द प्रबंधन की बहुत अच्छी तकनीक आ चुकी है जिससे इस प्रभावी नियंत्रण रखा जा सकता है।
आरंभ में सवालों का जवाब देते हुए वरिष्ठ अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ बीएल चन्द्राकर ने अलग अलग उम्र में होने वाले बोन कैंसर एवं उसके इलाज की जानकारी दी। पलमनोलॉजिस्ट डॉ प्रतीक कौशिक ने फेफड़ों के कैंसर की चर्चा करते हुए उसके कारण और इलाज के बारे में बताया। वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ नचिकेत दीक्षित, नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ प्रेमराज देबता, न्यूरोसर्जन डॉ दीपक बंसल, मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ राजेश सिंघल, स्त्री रोग विशेषज्ञ रेखा रत्नानी, लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ नवील शर्मा, ईएनटी विशेषज्ञ डॉ अपूर्व वर्मा तथा दंत चिकित्सक डॉ रोशनी गोहिल ने कैंसर की आरंभिक स्तरों पर पहचान के लक्षणों की विस्तार से चर्चा की।