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स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में विश्व कैंसर दिवस पर वेबीनार

Feb 6, 2021

Webinar on Cancer Day at SSSSMVभिलाई। स्वामी श्री स्वरूपांनद सरस्वती महाविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग एवं आईक्यूएसी द्वारा कैंसर दिवस पर वेबीनार आयोजित किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज को कैंसर के प्रति जागरूक कर समय से इलाज हेतु प्रेरित करना था। विषय विशेषज्ञ डॉ फातिमा खान असोसिएट प्रोफेसर रूंगटा डेन्टल कॉलेज ने कहा कि छोटे से छोटा घाव यदि ठीक न हो रहा हो तो उसकी जांच करवाना चाहिए। डॉ फातिमा खान ने बताया कि तंबाकू के प्रयोग से 9 प्रतिशत लोगों की कैंसर से मृत्यु होती है। तम्बाकू से केवल पुरुष ही नहीं महिलाएं भी प्रभावित हैं। छींकणी नास, सिगरेट, बीड़ी, खैनी, गुटखा, सुपारी, हुक्का आदि विभिन्न प्रकार से तम्बाकू शरीर के अंदर जाता है और मुख, पेट के कैंसर का कारण होता है। विभिन्न कारसीनोजेन से कैंसर हो सकता है जैसे पेस्टीसाइड, केमिकल से अल्ड्रावायलेट तरंगे इत्यादि। यदि छाले ठीक न हो तो उन्हें जरुर डॉक्टर को दिखाये और जांच करवाएं। उन्होंने शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि अपने आस-पास के लोगों को नशे से दूर रहने के लिये प्रेरित करें।
विषय विशेषज्ञ डॉ दीपलक्ष्मी देवांगन, रीडर रुंगटा डेंटल कॉलेज ने कहा यदि किसी को कैंसर हो जाये तो उसका उपचार हेतु सर्जरी कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, इम्युथेरेपी, स्टेमसेलथेरेपी, जीनथेरेपी के द्वारा की जा सकती है। बायोपसी, एमआरआई, सी.टी. स्कैन आदि से कैंसर की जांच की जाती है। कैंसर के प्रकार के अनुसार उसका इलाज अलग-अलग थेरेपी से किया जा सकता है। कैंसर के इलाज के दौरान विभिन्न साइड इफेक्टस हो सकते है जैसे बुखार, खून की कमी, कमजोरी इत्यादि। आर्गेनिक खाना को बढ़ाने के लिये प्रेरित किया। इलाज के दौरान कैंसर मरीज को डॉक्टर के निर्देशानुसार आर्गेनिक, पौष्टिक सुपाच्य भोजन के साथ सूप एवं जूस दे कर दवाइयों के साइड स्फेक्ट को कम किया जा सकता है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ दीपक शर्मा ने कैंसर से बचने हेतु सुझाव दिये और कहा कि तंबाकू के सेवन से कैंसर होता है अतः उसका सेवन बिल्कुल न करें और कैंसर का खतरा बढ़ाने वाले संक्रमणों से बचकर रहे।
प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि कैंसर के रोग से बचाव के लिये इसकी पहचान आवश्यक है। यदि प्रथम लक्षण दिखते ही हम इसके प्रति सचेत रहे तो हम कैंसर को हरा कर स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते है।
कार्यक्रम की संयोजिका डॉ शमा ए बेग विभागाध्यक्षय माइक्रोबायोलॉजी ने कहा कि विश्व कैंसर दिवस सन 2000 से लोगों के बीच सजगता और विष्वास दिलाने के लिये मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों के कैंसर के प्रति सचेत करना, उसके विरुद्ध लड़ाई लड़ने में एकजुट होगा जिससे इस जान लेवा बीमारी से बचा जा सके। यदि रोग का जल्दी पता चल जाये तो इसका उपचार संभव है। अतः हमें हर व्यक्ति के अंदर यह विश्वास दिलाना है कि हर किसी में क्षमता है कि वे कैंसर से लड़ सकते है।
विषय विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान भी किया। सोनिया जसवाल के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि यदि इमुनिटी कमजोर हो तो कैंसर कोशिका पुनः जागृत हो सकती है इसलिए नियमित फालोअप जरूरी है। समृद्धि तिवारी के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि टूथपेस्ट से कैंसर होने जैसा कोई तथ्य उपलब्ध नहीं है। आएशा खान के सवाल के जवाब में डॉ फातिमा ने कहा कि तम्बाकू युक्त पदार्थो पर चेतावनी लिखी होती है कि यह हानिकारक है और सरकार को इससे राजस्व प्राप्त होता है। डॉ दीपलक्ष्मी ने ग्रीन टी को लाभदायक बताया क्योंकि इसमें एंटी ऑक्सीडेन्टस पाये जाते है जो रक्त को साफ करते है।

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