भिलाई। “विकास के नाम पर मनुष्य के हस्तक्षेप से प्रकृति में असंतुलन की स्थिति पैदा होने लगी है जिससे प्रकृति के मिज़ाज बिगड़ रहे हैंI बढ़ती ग्रीन हाउस गैसों से वैश्विक ताप बढ़ रहा है। इसके दुष्परिणाम दिखने लगे हैंI” उपरोक्त विचार छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल की क्षेत्रीय अधिकारी डॉ अनीता सावंत ने विशेषज्ञ वक्ता के रूप में व्यक्त किए। डॉ सावंत भारतीय सांस्कृतिक निधि (इन्टैक) के दुर्ग-भिलाई चैप्टर द्वारा स्कूली बच्चों के लिए आयोजित ऑनलाइन परिचर्चा को संबोधित कर रही थींI उन्होंने बच्चों का आव्हान किया कि वे अपने छोटे छोटे प्रयासों व आदतों के बदलाव से जल, पेड़-पौधे, उपजाऊ मिटटी, जीव-जंतुओं, ईंधन जैसे प्रकृतिजन्य घटकों को बचाव व सरंक्षण में अपना योगदान देवें।