भिलाई। स्पर्श मल्टी स्पेशालिटी हॉस्पिटल ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज अपने कोरोना वारियर्स की टीम का सम्मान किया। भारतीय जीवन बीमा निगम भिलाई के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में सम्पूर्ण नर्सिंग स्टाफ, हाउस कीपिंग तथा अटेंडरों का सम्मान किया जिन्होंने कोरोना काल के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना मरीजों का इलाज किया। जीवन बीमा निगम के भिलाई शाखा प्रबंधक संजय मजुमदार ने कहा स्पर्श के स्पर्श से ही रोगी ठीक हो जाता है। जैसा रेस्पांस हमें आधी रात को मिला, जिस तरह से हमारे साथी कर्मचारियों का यहां इलाज हुआ, सही मायने में इस अस्पताल ने कोरोना वारियर का काम किया है। यहां के नर्सेस और डाक्टर्स ने अपने घर परिवार को छोड़कर दिन रात कोरोना के खिलाफ लड़ाई की। जीवन बीमा निगम स्पर्श हॉस्पिटल के स्पर्श का कायल है।अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉ दीपक वर्मा ने कहा कि महिला सशक्तिकरण पर समाज दो वर्गों में बंटा हुआ है। एक वर्ग महिलाओं को आगे बढ़ता देखना चाहता है वहीं दूसरा वर्ग महिला को घरेलू जिम्मेदारियों में ही बांधे रहने का पक्षधर है। आज बेटियां माता-पिता और परिवार का ज्यादा ख्याल रखती हैं। हमें दूसरे वर्ग के लोगों को भी महिलाओं को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने बताया कि जब अस्पताल में कोरोना वार्ड खोलने की बात आई तो सभी घबराए हुए थे। पर महिलाओं ने ही मोर्चा संभाला जिसमें सपना सिस्टर सबसे पहले आगे आईं। कोरोना वारियर्स की टीम में आज भी सबसे ज्यादा महिलाएं ही हैं।
मेडिकल डायरेक्टर डॉ एपी सावंत ने कहा कि महिलाएं स्वयं में सशक्त हैं, उन्हें सिर्फ मौका चाहिए। मेरी दोनों बेटियां आईटी इंजीनियर हैं और यूएस में सेटल्ड हैं। उन्हें अवसर दिया गया और उन्होंने खुद को साबित कर दिया। कोरोना काल की चुनौतियों को स्पर्श की जिस टीम ने सहर्ष स्वीकार किया उसमें 75 फीसदी महिलाएं हैं। डॉ तिलेश खुसरो ने अपनी 24 घंटे की उपलब्धता सुनिश्चित किया। उन्होंने समाज से आग्रह किया कि वे बेटियों को समान अवसर प्रदान करें। बेटी दो परिवारों को संभालती है।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ संजय गोयल ने कहा कि एलआईसी का स्लोगन है – जीवन के साथ भी और जीवन के बाद भी। जीवन में यही भूमिका मां की है। वह जीवन से पहले और जीवन के साथ भी है। इसलिए महिला का सशक्त होना जरूरी है। उसका मानसिक, बौद्धिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बदलते वक्त में महिलाओं की स्थिति भी बदल रही है। पुरुषों की जिम्मेदारी बनती है वे उन्हें समान अवसर प्रदान करें। महिला सशक्तिकरण की सबसे बड़ी जिम्मेदारी महिलाओं पर है। महिलाओं के प्रति महिलाओं के रवैये में भी सुधार की गुंजाइश है। उच्च पदों पर आसीन महिलाओं की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।
जीवन बीमा निगम के ओपी अग्रवाल, अखिलेश शर्मा, महेन्द्र देवांगन, सुदेश्ना भट्टाचार्य, रेणु श्रीवास्तव, देवव्रत, नीलम पंडित, सुनीता मैथ्यू, श्रीमती लाकरा, श्रीमती नागमणि इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। स्पर्श की टीम से महाप्रबंधक निखिलेश दावड़ा, आलोकेश चटर्जी, नन्दलाल पटेल भी मौजूद थे। इस अवसर पर डॉ तिलेश खुसरो के साथ ही महिला कोरोना वारियर्स का जीवन बीमा निगम की सौजन्य से सम्मान किया गया।