भिलाई। बांझपन अब कोई अभिशाप नहीं रहा। मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि ऐसी महिलाओं की भी गोद भर रही है जिन्होंने उम्मीद छोड़ दी थी। पर पैसों के अभाव में अनेक महिलाओं की गोद आज भी सूनी रह जाती है। हाइटेक प्रबंधन ने ऐसी महिलाओं की सहायता करने के लिए एक कोष की स्थापना की है जिससे उन्हें भी आधुनिकतम तकनीक का लाभ मिल सके। जरूरतमंदों के लिए आईवीएफ फ्री में उपलब्ध कराई जाएगी।
हाइटेक के निदेशक मनोज अग्रवाल ने बताया कि हाइटेक सुपर स्पेशालिटी अस्पताल की स्थापना का मूल उद्देश्य ही लोगों को स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं अपने ही शहर में उपलब्ध कराना है ताकि इलाज के खर्च को कम किया जा सके। हमारी कोशिश है कि जो कुछ समाज ने हमें दिया है, उसका एक अंश समाज को लौटा सकें। इसलिए हमने मानवीय दृष्टिकोण से ऐसे निःसंतान दंपतियों के लिए एक कोष की स्थापना की है जो इलाज का खर्च वहन नहीं कर पाने के कारण चिकित्सा से वंचित रह जाते हैं।
उन्होंने बताया कि हाइटेक प्रबंधन ने निःसंतान दम्पतियों के लिए एक कार्पस फंड बनाया है। जैसा कि आपको पता ही है कि आईवीएफ की प्रक्रिया का खर्च लाखों में आता है। इससे उन लोगों की मदद की जाएगी जो आईवीएफ का खर्च नहीं उठा सकते। फंड समिति प्राप्त सभी आवेदनों पर महीने के प्रथम शनिवार को विचार करेगी। प्रत्येक माह किसी एक दंपति को इसका लाभ दिया जाएगा। इस तरह हम साल में कम से कम 12 दंपतियों की मदद कर पाएंगे।
हाइटेक की आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉ रेखा रत्नानी ने बताया कि हाइटेक के आईवीएफ सेन्टर में इक्सी, टेसा और टेसी जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। इसके साथ ही शुक्राणु तथा अंडाणु को फ्रीज करने की सुविधा भी है। सभी प्रकार की जांच और चिकित्सा की सुविधा यहां मौजूद है। विशेषज्ञता एवं उच्च गुणवत्ता के चलते यहां की सफलता दर भी राष्ट्रीय औसत से अधिक है। हाइटेक प्रबंधन के इस फैसले से हम इन सुविधाओं का लाभ वंचित तबके को भी दे पाएंगे। उनके सूने आंगन में जब किलकारियां गूंजेंगी तो हमें अपने हिस्से का संतोष मिल जाएगा। यह एक बड़ी उपलब्धि होगी।