दुर्ग। किसी भी शिशु के जन्म लेते ही मानव अधिकार संरक्षण संबंधी नियम लागू हो जाते हैं। बाल अधिकार अधिनियम, महिला अधिकार आदि मानव अधिकारों के अंतर्गत ही आते हैं। ये निष्कर्ष आज हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग के टैगोर सभागार आयोजित मानव अधिकार से संबंधित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान उभरकर सामने आया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में दुर्ग विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्राचार्य, विभिन्न संकाय के डीन, शोधार्थी, विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी तथा विद्यार्थियों हेतु राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम में डाक्यूमेंटेरी तथा फिल्मों के माध्यम से मानव अधिकार से संबंधित जानकारी दी।