दुर्ग। शासकीय डॉ वावा पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग में महिला दिवस पर विभिन्न आयोजन किए गए। इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ सुशील चन्द्र तिवारी ने कहा कि सम्मान, समानता और सजगता के प्रति यह आयोजन समर्पित है। नारी सृजन का रूप हैं और संस्कारों की जननी भी है जिससे एक आदर्श समाज की रचना होती है। उन्होनें पाठ्यक्रम की शिक्षा के साथ ही अपनी छात्राओं को सजगता और निर्भयता का भी ज्ञान कराना आवश्यक है जिसे एक संकल्प के रूप में लें। वूमेन सेल की संयोजक डॉ सुषमा यादव ने कहा कि पढ़ी-लिखी महिलाएँ तो अपने अधिकारों से परिचित है पर हमें उन महिलाओं तक जानकारियाँ पहुँचानी है जो इन अधिकारों से अनिभिज्ञ हैं। डॉ आरती गुप्ता एवं डॉ अनिल जैन, डॉ अल्पना त्रिपाठी ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत की। इस अवसर पर डॉ सुनीता गुप्ता एवं शिशिर दर्शन बघेल ने सुमधुर गीत प्रस्तुत किए। आई.क्यू.ए.सी. की संयोजक डॉ अमिता सहगल ने नारी का महत्व बतलाते हुए इस वर्ष के महिला दिवस की थीम की चर्चा की। राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की कार्यक्रम अधिकारी डॉ यशेश्वरी धु्रव एवं डॉ सुचित्रा खोब्रागढ़े ने रासेयो की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए ग्रामीण महिलाओं के बीच स्वास्थ्य एवं विभिन्न योजनाओं की जानकारियाँ पहुँचाने के प्रयास पर जोर दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ रेशमा लाकेश ने किया। अंत में डॉ लता मेश्राम ने आभार प्रदर्शित किया।