विज्ञान प्रसार की प्रकृति अध्ययन कार्यशाला के समापन समारोह में बोलीं कुलपति
भिलाई। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग की कुलपति डॉ अरुणा पल्टा ने आज कहा कि अगर उन्हें भी इन सरल विधियों की जानकारी होती तो वे अपने घर के सभी पेड़ों की ऊंचाई नाप चुकी होतीं। दो पेंसिलों का उपयोग कर पे़ड़ों की ऊंचाई नापने का उपकरण बना लेना अचंभित करता है। छोटे-छोटे उपकरणों से प्रकृति को इतने करीब से देखा जा सकता है, इतना कुछ सीखा जा सकता है, इसका अंदाजा उन्हें नहीं था। कुलपति डॉ पल्टा डीएवी स्कूल हुडको के सभागार में आयोजित प्रकृति अध्ययन कार्यशाला के समापन सत्र को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रही थीं।इस कार्यशाला का आयोजन विज्ञान प्रसार (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार) नई दिल्ली व साइंस सेंटर भोपाल द्वारा छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग के सहयोग से किया गया था।
डॉ पल्टा ने कहा कि विज्ञान की सभी शाखाओं के तार प्रकृति से जुड़े हैं। हम केवल अपना नजरिया बदल लें तो प्रकृति से बहुत कुछ सीख सकते हैं। इस कार्यशाला में ऐसे विभन्न तरीकों से शिक्षकों को अवगत कराया गया है जिसका लाभ वे अपने विद्यार्थियों को दे सकते हैं। इससे न केवल विज्ञान में उनकी रुचि बढ़ेगी बल्कि प्रयोगधर्मी शिक्षा का मार्ग भी प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं शिक्षण की गुणवत्ता व शैक्षिक प्रक्रिया में बच्चों की रुचि को समृद्ध करती हैं।
आरम्भ में साइंस सेंटर की सचिव संध्या वर्मा ने कार्यशाला का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि कार्यशाला में 55 प्रतिभागी शिक्षकों ने 45 ऐसी सरल गतिविधियों को सीखा है जिनसे वे बच्चों को उनके आसपास की प्राकृतिक प्रक्रियाओं को सुगमता से सिखा सकें।
कार्यशाला के संयोजक डॉ डीएन शर्मा ने बताया कि कबीरधाम, बालोद, राजनांदगाँव, बेमेतरा व दुर्ग ज़िले के शासकीय स्कूलों के अलावा डीएव्ही स्कूल की चार शाखाओं एवं डीपीएस भिलाई के शिक्षकों की सक्रिय सहभागिता से कार्यशाला सफल हो सकी। इस अवसर पर आयोजित एक प्रदर्शनी का भी अवलोकन डॉ अरुणा पल्टा ने किया। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र व स्कूलों के लिए किट भी प्रदान किया। प्रतिभागियों की ओर से कादंबनी यादव, जसवंत मंडावी, योगेश चौरिया, प्रज्ञा सिंह, अवन जांगड़े व रानी जेकब ने अपने अनुभव सुनाए। इस अवसर पर डीएव्ही स्कूल की ओर से प्रभारी बिजी कुमार व श्रीमती शर्मा, स्रोत व्यक्ति बी एल मलैया व जागृति शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहीं।