भिलाई। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं वैशाली नगर महाविद्यालय जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष महेश जायसवाल ने स्कूलों में ट्यूशन फीस को लेकर मचे घमासान की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित किया है। जायसवाल ने कहा कि स्कूल बिना पूरी फीस लिए बच्चों को जनरल प्रमोशन देने को तैयार नहीं हैं। इधर कोरोनाकाल के कारण अधिकांश लोग अपनी पूरी बचत खर्च कर चुके हैं। पूरा साल लगभग बिना व्यापार के गुजरा है। दोनों की अपनी मजबूरियां हैं। इस मामले में शासन के हस्तक्षेप की आवश्यकता है।जायसवाल ने कहा कि महामारी के फैलाव को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की चपेट में प्रत्येक तबका आया है। लोग बिना रोजगार के कई-कई महीने गुजारने को विवश हुए हैं। स्कूल-कालेज लंबी छुट्टी पर रहे हैं। अनेक संस्थानों ने अपने शिक्षकों को बिना वेतन के लंबा अवकाश दे दिया। कुछ शिक्षकों को आधे वेतन पर रखकर काम चलाया गया। इन शिक्षकों के बच्चे भी पढ़ते हैं। सभी पालक एक जैसी स्थिति से गुजर रहे हैं।
शासन को सुझाव देते हुए जायसवाल ने कहा कि स्कूलों को अंकसूची एवं जनरल प्रमोशन सभी बच्चों को देने के लिए निर्देशित किया जाए। फीस को इसका मापदंड न बनाया जाए। स्कूलों के संचालन में यदि कोई बाधा आ रही हो तो शासन उन्हें वेतन अनुदान दे। पूरी फीस की वसूली केवल उन्हीं बच्चों से की जाए जो स्थानांतरण प्रमाण पत्र ले रहे हों। इसके लिए भी किस्तों में फीस अदा करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इससे सभी पक्षों को राहत मिलेगी तथा साल भर से स्कूल का मुंह देखने से वंचित बच्चों को भी मानसिक पीड़ा से बचाया जा सकेगा।