भिलाई। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल ने अंचल की कृति महिलाओं का सम्मान किया। इनमें पद्मश्री फुलबासन यादव, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरुणा पल्टा, शिक्षाविद, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी, समाज सेवी सभी शामिल थे। अस्पताल के वरिष्ठ विशेषज्ञों ने महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी टिप्स भी दिये। इस अवसर पर महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं का जिक्र करते हुए चिकित्सकों ने उन्हें बेहतर स्वास्थ्य के टिप्स भी प्रदान किये।हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरुणा पल्टा ने महिलाओं को सबसे पहले अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि स्वयं अच्छा खाएं तथा बेटियों को अच्छा खिलाएं तभी आगे चलकर राष्ट्र स्वस्थ हो पाएगा।
पद्मश्री फुलबासन यादव ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा कि केवल हौसला ही उनका सहारा था। इसीके सहारे वे आगे बढ़ती रहीं। अपनी गाथा सुनाते सुनाते उनकी आंखें भर आईं। मिसेज इंडिया यूनिवर्स ज्योति प्रकाश वलेच्छा ने कहा कि शुरू करने की कोई उम्र नहीं होती। उन्होंने विवाह के 17 साल बाद स्वयं को नए सिरे से तराशना शुरू किया और इस मंजिल तक पहुंची हैं। अंतरराष्ट्रीय बैडमिन्टन खिलाड़ी जूही देवांगन ने महिलाओं को खेलकूद के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि इसके लिए स्वयं के स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। समाजसेवा में अग्रणी भूमिका निभाने वाली पुलिस कर्मी स्मिता तांडी ने महिलाओं को आत्मरक्षा के कुछ टिप्स दिए। एमजे ग्रुप की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने कहा कि महिलाओं का सम्मान केवल एख दिन नहीं बल्कि हर दिन करना चाहिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव सुरेशा चौबे ने कहा कि महिलाएं स्वयं को मजबूत करें। हमें किसी के अप्रूवल की जरूरत नहीं है। हमारा स्थान उनसे ऊपर था, ऊपर है और ऊपर ही रहेगा। महिला पत्रकार शाहीन का भी इस अवसर पर सम्मान किया गया।
आरंभ में हाइटेक की स्त्री रोग एवं फर्टिलिटी विशेषज्ञ डॉ रेखा रत्नानी ने कहा कि पहले बच्चे नहीं होने पर पुरुष दूसरी शादी की सोचते थे पर अब ऐसा नहीं है। वे अपनी पहली पत्नी से ही बच्चा चाहते हैं और इलाज के लिए आगे आने लगे हैं। यह एक अच्छा संकेत है। पर उन्हें स्वयं अपनी जांच करवाने से भी पीछे नहीं हटना चाहिए। उन्होंने स्तन कैंसर एवं गर्भाशय ग्रीवा कैंसर को महिलाओं का सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुए उससे बचाव के उपाय बताए। उन्होंने कहा कि सर्वाइकल कैंसर 15 से 18 साल तक वक्त देता है इलाज कराने का। इस बीच कभी भी रोग पकड़ में आ जाए तो उसका पूरा इलाज किया जा सकता है।
हाइटेक की कार्ड़ियोलॉजिस्ट डॉ संध्या नेमा ने कहा कि महिलाओं के लिए आज कैंसर से ज्यादा घातक हो चुका है हृदयरोग। इसके लक्षण भी अलग होते हैं और आसानी से पकड़ में नहीं आते। थकान, असहजता, सांस फूलना जैसे कुछ मामूली लक्षण होते हैं। ऐसा होने पर तत्काल डाक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
अस्थि रोग विशेषज्ञ एवं ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ बीएल चन्द्राकर ने महिलाओं को परेशान करने वाली ऑस्टियोपोरोसिस एवं एस्टियोआर्थराइटिस के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि अब हमारे पास इन बीमारियों को रोकने एवं उन्हें कई वर्षों तक टालने की दवा एवं तकनीक मौजूद है। हाइटेक की डायटीशियन प्रथा ने महिलाओं को संतुलित भोजन के टिप्स दिए।
हाइटेक ग्रुप की श्रीमती अंजु अग्रवाल ने सभी आगंतुकों को महिला दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हाइटेक ग्रुप का उद्देश्य लोगों को अपने घर के पास उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हों। उन्होंने महिलाओं को परिवार और सृष्टि की धुरी बताते हुए कहा कि इनका स्वास्थ्य और सम्मान बना रहेगा तभी मानव जाति की प्रगति संभव है।
आरंभ में हाइटेक के महाप्रबंधक श्रीकांत उपाध्याय ने संक्षेप में अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं एवं संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रदान की।