भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के महिला सेल एवं आइक्यूएसी तथा एनएसएस के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। विषय था “घरेलू महिलाएं सशक्त महिलाएं”। महिला सेल प्रभारी डॉ तृषा शर्मा ने कहां घरेलू महिलाएं ही सबसे ज्यादा सशक्त होती हैं इन्हीं के कारण हम महिलाएं घरों से बाहर निकल कर अपने सभी कार्यों को सही तरीके से अंजाम दे पाती हैं। वह हमें शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाती हैं किसी के जीवन में यह मां, नानी, दादी के रूप में मौजूद होती हैं। प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि कामयाब महिला की कामयाबी के पीछे पुरुष का हाथ होता है। महिलाएं जब दृढ़ संकल्पित हो जाती है तो हर काम को आसानी से कर पाती हैं। सामान्यता हम सफल नारियों और उनके उदाहरण ही इन दिनों में लेते हैं लेकिन इनके पीछे जिन महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है उन्हें भूल जाते हैं। महाविद्यालय के सीओओ दीपक शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी को शुभकामनाएं दी और कहा हर दिन महिलाओं का है लेकिन आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना कर हम हमारे जीवन से जुड़ी समस्त सम्मानीय महिलाओं को याद कर उनके प्रति सम्मान प्रकट करना है।
प्रियंका सिंह बीएड प्रथम सेमेस्टर की छात्रा ने कहा उनकी मां हमेशा जेनरेशन गैप को कम करने की कोशिश करती हैं। हमारी इच्छा पर चलती है उनके भैया एयर फोर्स में है जब भी युद्ध का समय आता है भैया के साथ साथ जंग में गए सभी बेटों के लिए प्रार्थना करती हैं। पूरा यूनिवर्स मां के कदमों में ही है।
प्रियंका द्विवेदी प्रथम सेमेस्टर की छात्रा ने कहा दूसरों की जय से पहले खुद की जय करें। वह एक संयुक्त परिवार में रहती हैं और उनकी सासू मां ही उन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। काजल कुरपाल ने अपनी दादी के लिए कविता का पाठ किया दादी आदर्श है, आराध्या हैं। सिद्धि वर्मा ने कविता नारी को अबला मत समझो धरती का श्रृंगार है का पाठ किया। महाविद्यालय के शिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ अर्चना पांडे ने कहा घरेलू महिलाएं ज्यादा सशक्त हैं वह हमें अच्छा संस्कार देती है घरेलू महिलाएं घर पर रहकर स्वरोजगार कर रही हैं सशक्त बन रही हैं।
आइक्यूएसी प्रभारी डॉ शमा ए. बेग ने कहा कि महिलाएं जितनी मजबूत होगी उतना ही मजबूत किला बनेगा। दादी, नानी, पिता, मां यह सब शक्ति देने वाले हैं। बीएड प्रथम सेमेस्टर की छात्रा ईशानी दत्ता ने कहा उनकी मां बहुत पढ़ी लिखी हैं लेकिन बच्चों के कारण उन्होंने नौकरी छोड़ दी। अपनी सासू मां के लिए भी कृतज्ञ हूं जो हमेशा मेरा साथ देती है। प्रथम सेमेस्टर की छात्रा खुशबू पाठक ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के त्याग पर प्रकाश डाला और कहा कि आज 110 वां अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवसहैं सबसे पहली महिला उद्यमी कल्पना सरोज ने शुरुआत की। वर्तमान में कुछ प्रमुख महिला उद्यमी जैसे यात्रा डॉट कॉम की को फाउंडर सबीना चोपड़ा नायक रूप की प्रमुख, फाल्गुनी नायर, स्लाइज होयर की प्रमुख रश्मि सिन्हा रही है।
विकास कुमार बी एड प्रथम सेमेस्टर के छात्र ने कहा समाज में महिलाएं दो वर्गों में बढ़ती हैं पहला वर्ग दबी कुचली महिलाओं का है दूसरा वर्ग पुरुषों के कंधे से कंधा बल्कि उनसे भी आगे हैं। घर के सारे आर्थिक फैसलों में महिलाओं की बराबर भागीदारी होनी चाहिए। सुप्रीत कौर ने कहा हर दिन औरत का है पर आज भी महिलाएं संघर्षरत हैं कहीं ना कहीं उन्हें हर क्षेत्र में त्याग करना पड़ता है। महिलाओं को बढ़ावा देने की जरूरत है।
शिक्षा विभाग की सहायक प्राध्यापक मंजू कनौजिया ने कहा कि महिलाओं में इतनी शक्ति होती है कि वह हर समस्या का समाधान करने में सक्षम होती हैं महिलाओं को शिक्षित करने पर जोर देना चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा पोस्टर और वीडियो बनाया गया
कार्यक्रम में वीडियो -शिखा सोनी -बी एड प्रथम सेमेस्टर , पोस्टर -प्राची चौहान-बी एड प्रथम सेमेस्टर, पोस्टर -गगन देवांगन-बी एड प्रथम सेमेस्टर , पोस्टर- वीणा साहू -बी एड प्रथम सेमेस्टर ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में 52 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया कार्यक्रम को सफल बनाने में महिला सेल की सदस्य सहायक प्राध्यापक श्रीमती उषा साहू तथा सहायक प्राध्यापक डॉ अजीता सजीत ने विशेष सहयोग प्रदान किया।