भिलाई। कोरोना की दूसरी लहर के साथ ही अधिकांश राज्यों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। लोग हॉस्पिटल बेड, ऑक्सीजन, वेन्टीलेटर के लिए भटक रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ प्रतिदिन सैकड़ों लोगों की खबरें आ रही हैं। स्थिति पर नियंत्रण पाने अनेक शहरों में लॉकडाउन लगाया गया है। पर इस उपाय के साइड इफेक्ट्स इतने अधिक हैं कि वह लाभ पर भारी पड़ रहा है। ऐसे में एक चिकित्सक ने पीएमओ को पत्र लिखकर इसपर काबू पाने का एक अभिनव सुझाव दिया है।
नेत्र रोग विशेषज्ञ एवं रेटिना विशेषज्ञ डॉ छाया भारती ने पीएमओ को भेजे गए एक ई-मेल में सुझाव दिया है कि शासन कोरोना की चार दवाइयों का घर-घर वितरण प्रारंभ कर दे। इससे भीड़ भी नहीं लगेगी और लोगों तक दवाइयां तेजी से पहुंचाई जा सकेंगी। उन्होंने कहा कि कोरोना के इलाज में डॉक्सी और एम्ब्रोक्सॉल टैबलेट, आईवरमेक्टिन, जिंकोविट और लिमसी को बेहद प्रभावी पाया गया है। इन दवाओं के उपयोग से मरीजों की स्थिति को गंभीर होने से रोका जा सकता है। इन दवाओं का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। यदि इन दवाओं को परिवारों तक पहुंचाने की व्यवस्था कर दी जाए तो इसके अनेक फायदे होंगे।
उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए काफी वक्त चाहिए। टेस्ट किट की उपलब्धता और उसमें लगने वाला समय भी काफी अधिक होता है। इस लिहाज से एहतियाती दवाइयां बेहद कारगर हो सकती हैं।
डॉ छाया ने कहा कि इन दवाइयों के घर पर उपलब्ध होने से दवाई दुकानों तथा अस्पतालों में लगने वाली भीड़ कम होगी। कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने में इससे मदद मिलेगी। चिकित्सकों और अस्पतालों पर दबाव कम होगा तो गंभीर मरीजों का इलाज बेहतर ढंग से किया जा सकेगा। केवल ऐसे ही मरीज अस्पताल पहुंचेंगे जिन्हें भर्ती करने की जरूरत होगी। समय पर दवा मिल जाने से मरीजों की हालत नहीं बिगड़ेगी तथा उनका इलाज आसान हो जाएगा। वे जल्द स्वास्थ्य लाभ करेंगे।
उन्होंने कहा कि इससे चिकित्सक बिरादरी को भी काफी राहत मिलेगी और वे अपने कार्य को बेहतर ढंग से अन्जाम दे पाएंगे।